सीतापुर में जिला प्रशासन नैमिषारण्य क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास को गति देने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. ने मंगलवार शाम को नैमिषारण्य धाम में तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराए जा रहे विभिन्न निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यों में धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कार्यों को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए है। डीएम ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के प्रथम पड़ाव ग्राम कोरौना में चल रहे सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने विकास खंड मिश्रिख के ग्राम पनाह नगर स्थित गोमती नदी तट पर नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में हो रहे पर्यटन विकास कार्यों को देखा। जिलाधिकारी ने संरचनात्मक मजबूती, पारंपरिक स्वरूप तथा यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने नैमिषारण्य तपोभूमि में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निर्मित किए जा रहे शयनगृह (डॉरमेट्री) के निर्माण की गुणवत्ता भी परखी और साफ सफाई रखने के दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी कार्य निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार, पूरी गुणवत्ता के साथ एवं तय समय सीमा में पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य विश्व स्तरीय तीर्थ स्थल है, इसलिए यहां की परियोजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं से कहा कि क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को ध्यान में रखते हुए सभी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाए। जिलाधिकारी राजागणपति आर. ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा सर्वोपरि है। इसलिए पार्किंग, पेयजल, विश्राम स्थल, प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य के सर्वांगीण विकास से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। निरीक्षण के दौरान पर्यटन सूचना अधिकारी संजय भंडारी, कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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