लखनऊ के निगोहां के दखिना गांव से लापता किसान शिव प्रकाश उर्फ कबीर के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। किसान लापता नहीं हुआ था, बल्कि उसे जमीन विवाद के चलते अपहरण कर हत्या कर दी गई और पड़ोसी जिले उन्नाव के बीघापुर इलाके में शव को जला कर ठिकाने भी लगा दिया गया। करीब 25 दिनों से परिजन किसान की खोज में भटक रहे थे, लेकिन पुलिस में सर्विलांस सेल की मदद से मामले का राजफाश करते डीलर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एडीसीपी साउथ रालापल्ली बसंत ने बताया- निगोहां के दखिना शेखपुर के रहने वाले शिव प्रकाश (42) का अधजला शव उन्नाव के बीघापुर थाना क्षेत्र में मिला था। परिजनों के शव की पहचान करने के बाद टीम जांच में जुटी थी। सीडीआर की मदद से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान नगराम के रहने वाले सुजीत कुमार श्रीवास्तव (40), पिन्टू (32) विनोद (26), लालू उर्फ नीरज कश्यप (27) राजू उर्फ राजकुमार (34) के रूप में हुई। शिव प्रकाश के भाई ने फर्जी तरीके से बेची जमीन दखिना गांव का रहने वाला शिव प्रकाश पेश से किसान था। उसकी जमीन का हिस्सा एक निजी प्लॉटिंग साइट में शामिल था, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। मृतक दो भाइयों में छोटा था। बड़े भाई ने अपना हिस्सा पहले ही बेच दिया था। जबकि मां के हिस्से की जमीन को वसीयत शिव प्रकाश के नाम कर दी गई थी। बाद में बड़ा भाई मां को अपने साथ ले गया और पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर जमीन को बिचौलियों के माध्यम से बेच दिया। मुकदमा वापस लेने की धमकी दी जब शिव प्रकाश को इस हेराफेरी की जानकारी हुई, तो उसने न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया और उसकी लगातार पैरवी कर रहा था। मुकदमे के चलते कंपनी ने जमीन बिचौलियों पर दस्तावेज दुरुस्त कराने का दबाव बनाया। इसी दबाव के चलते बिचौलियों ने शिव प्रकाश पर मुकदमा वापस लेने के लिए धमकियां दीं, लेकिन वह झुकने को तैयार नहीं हुआ। इससे नाराज होकर नगराम निवासी बिचौलिया सुजीत श्रीवास्तव ने अपने साथियों के साथ मिलकर शिव प्रकाश की हत्या कर दी। अब पढ़िए आरोपी का कबूलनामा… फर्जी मोबाइल और सिम खरीदे आरोपी सुजीत कुमार श्रीवास्तव ने पूछताछ में पुलिस को बताया- दोस्तों के साथ योजनाबद्ध तरीके से कई की पैड मोबाइल फोन एवं फर्जी कागजातों से सिम कार्ड खरीदे। चाइना कंपनी का एक अन्य मोबाइल लखनऊ से खरीदा था। यह फोन दिलीप को दे दिया। सुजीत और दिलीप हत्या की योजना बनाने के लिए दोनों नम्बरों से आपस में बात करते थे। समय-समय पर दिलीप दोनों नम्बरों से शिव प्रकाश से बात करता था। दिलीप ने बातचीत करके धीरे-धीरे शिव प्रकाश से नजदीकियां बढ़ा ली थीं। धोखे से लालपुर टावर के पास बुलाया सुजीत ने बताया- 15 नवंबर की शाम को शिव प्रकाश को धोखे से लालपुर टावर के पास बुलाया। जहां पहले से योजनाबद्ध तरीके से कार में सुजीत, राजू और दूसरी कार जिसे दिलीप चला रहा था उसमें विनोद, पिन्टू, लालू उर्फ नीरज सवार थे। थोड़ी ही देर में कबीर उर्फ शिवप्रकाश मौके पर आ गया। दिलीप और पिन्टू ने मिलकर शिवप्रकाश को बात करते हुए बहला फुसलाकर बातों में उलझाते हुए गाड़ी में बैठने के लिए कहा तो शिवप्रकाश कार में बैठने के लिए तैयार नहीं हुआ। लिंक रोड का सहारा लिया इशारा करने पर दिलीप और पिन्टू ने शिव प्रकाश को जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद उसे सुदौली मोड़ से भवरेश्वर मंदिर को जाने वाले रास्ते पर ले गए। कैमरे की नजर में न आ पाएं इसलिए लिंक रोड का सहारा लिया। कुछ देर में हम लोग गाड़ी में ही लालगंज डलमऊ पहुंच गए। शिवप्रकाश को हम सब लोगों ने मिलकर गाड़ी के अंदर ही गला दबाकर मार दिया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए सुनसान जगह की तलाश करते हुए डलमऊ लालगंज से घूमते हुए उन्नाव के बीघापुर जनपद पहुंच गए। यहां सुनसान जगह देखकर शिवप्रकाश के शव को हाईवे मार्ग के किनारे बनी खाई में फेंक दिया। शिनाख्त नहीं हो इसलिए शव को जलाया शिवप्रकाश के शव की पहचान नहीं हो पाए इसलिए पेट्रोल डालकर शव को जला दिया। वहां से छिपाते-छिपाते लिंक रोड से ही वापस आते समय शिवप्रकाश के मोबाइल और सिम को तोड़कर फेंक दिया।
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