हरदोई में धान खरीद वर्ष 2025 के दौरान व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर स्वदेशी जागरण मंच तथा अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। संगठनों ने आरोप लगाया है कि जिले में ए.आर. सहकारिता और उनके नियंत्रण वाले पीसीएफ व पीसीयू केंद्रों पर बड़े स्तर पर धांधली हो रही है। उनका दावा है कि कुछ जिला प्रबंधक दलालों से मोटी रकम लेकर खरीद केंद्र बेच रहे हैं, जिसके कारण किसानों का धान निर्धारित केंद्रों पर नहीं तौला जा रहा है। ज्ञापन में बताया गया है कि मंडी समिति के कर्मचारी—धर्मेंद्र यादव, मनोज शर्मा, विनय और उनके साथी—किसानों से 200 रुपये प्रति कुंतल की अवैध वसूली कर रहे हैं। इस कारण किसान अपना धान 1400 से 1600 रुपये प्रति कुंतल पर बेचने को मजबूर हैं, जबकि सरकारी खरीद मूल्य अधिक है। गोपामऊ विधायक श्याम प्रकाश ने भी टिप्पणी की है कि 80 प्रतिशत किसानों का धान नहीं खरीदा जाता, बल्कि व्यापारियों का धान ही लिया जाता है। संगठनों ने यह भी उल्लेख किया कि मंडल आयुक्त की जांच में अनियमितताएं सामने आने के बावजूद प्रशासन ने केवल एक केंद्र प्रभारी पर एफआईआर दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। संगठनों ने मांग की है कि भ्रष्ट कर्मचारियों को तत्काल हटाया जाए और उनकी संपत्ति की जांच की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों से बिना बिचौलिए के सीधे क्रय केंद्रों पर धान खरीदा जाना चाहिए। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि 3 दिसंबर तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो स्वदेशी जागरण मंच, संयुक्त अधिवक्ता परिषद और अन्य संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल व धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।
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