मेरठ में क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल के जन्मदिवस पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के नेताजी सुभाष चंद्र सभागार में क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा यह संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेश नागर थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार से पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में भी धनसिंह कोतवाल पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंत्री नागर ने धनसिंह कोतवाल की शहादत को भारतीय इतिहास की एक बड़ी घटना बताया। उन्होंने कहा कि 1857 में धनसिंह कोतवाल ने दो जेलें तोड़कर 800 से अधिक कैदियों को मुक्त कराया था और ‘मारो फिरंगियों’ का नारा देकर क्रांति की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने उनके गांव पर तोपों से हमला कर 400 से अधिक लोगों को मार दिया था और कई दिनों तक पेड़ों पर फांसी पर लटकाए रखा था। अति विशिष्ट अतिथि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि धनसिंह कोतवाल की शहादत जितनी बड़ी है, उतनी ही उनकी गुमनामी भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी को मिलकर धनसिंह कोतवाल के सम्मान में कार्य करना चाहिए और उन्हें उचित सम्मान दिलाने का प्रयास करना चाहिए। विधायक गुर्जर ने यह भी घोषणा की कि वे लोनी में धनसिंह कोतवाल के नाम पर एक सड़क का नामकरण कराएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यसभा सांसद और ओडिशा प्रभारी श्री विजयपाल सिंह तोमर ने की। उन्होंने अपने संबोधन में 1857 की क्रांति में धनसिंह कोतवाल के बड़े बलिदान को रेखांकित किया। संगोष्ठी को ओमप्रकाश चेयरमैन, निशांत चेयरमैन, बुलंदशहर जिला अध्यक्ष अतुल तेवतिया, पूर्व खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह, पूर्व विधायक कमल सिंह मलिक और आर्य दयानंद नागर सहित कई प्रमुख समाजसेवियों ने भी संबोधित किया। इस जन्मोत्सव के अवसर पर, क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल के लिए विशेष कार्य करने वाले 31 व्यक्तियों को ‘क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल सम्मान 2025’ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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