देवरिया में तीन दशक बाद एक बार फिर विश्व भोजपुरी सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित जीआईसी मैदान में 13 और 14 दिसंबर को यह प्रांतीय अधिवेशन होगा। इसमें देश-विदेश से भोजपुरी प्रतिनिधि, कलाकार, साहित्यकार और शायर शामिल होंगे। यह वही देवरिया है, जहाँ 1995 में पंडित विद्यानिवास मिश्र ने विश्व भोजपुरी सम्मेलन की स्थापना की थी। सम्मेलन के संयोजक और विश्व भोजपुरी सम्मेलन, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने बताया कि यह आयोजन भोजपुरी भाषा और संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली के सांसद, अभिनेता और गायक मनोज तिवारी ‘मृदुल’ करेंगे। सम्मेलन के पहले दिन ‘लोकरंग और सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन होगा। इस सत्र में भोजपुरी संगीत और लोककला की प्रसिद्ध हस्तियाँ अपनी प्रस्तुतियाँ देंगी। इनमें कल्पना पटवारी, भरत शर्मा व्यास, शिल्पी राज और आलोक कुमार जैसे चर्चित कलाकार शामिल हैं। दूसरे दिन ‘बतकही’ सत्र मुख्य आकर्षण होगा। इसमें भोजपुरी की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य पर गंभीर विमर्श किया जाएगा। इस सत्र में देश के प्रमुख साहित्यकार और विचारक भाग लेंगे। इसके बाद कवि सम्मेलन और मुशायरा आयोजित होगा। इसमें डॉ. कमलेश राय, भालचंद्र त्रिपाठी, बादशाह प्रेमी, सुभाष यादव और भूषण त्यागी जैसे भोजपुरी के महत्वपूर्ण कवि अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। इस सम्मेलन की एक और विशेषता यह है कि इसमें पहली बार उर्दू और हिंदी के नामचीन शायर भी मंच साझा करेंगे। इनमें शबीना अदीब, अज़हर इक़बाल, डॉ. मजीद देवबंदी और अफ़ज़ल इलाहाबादी अपनी शायरी से महफ़िल को गुलज़ार करेंगे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्र भी वर्चुअल माध्यम से अधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह दो दिवसीय सम्मेलन देवरिया को एक बार फिर भोजपुरी की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।
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