देवरिया जिला कारागार में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर से उनकी पार्टी आजाद अधिकार सेवा के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद पार्टी नेताओं ने जेल प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ की गई कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित है और यह लोकतंत्र व मानवाधिकारों पर सीधा हमला है। पार्टी का दावा है कि प्लॉट आवंटन में नाम और पते को लेकर मामूली अंतर था। इसे अब जानबूझकर फर्जीवाड़ा बताया जा रहा है। यह सिर्फ एक लिपिकीय त्रुटि थी, न कि कोई धोखाधड़ी। आजाद अधिकार सेवा के नेताओं ने कहा कि विवादित औद्योगिक प्लॉट को पहले ही संबंधित विभाग को सरेंडर किया जा चुका है। न तो कोई बेनामी सौदा हुआ और न ही किसी तरह का आर्थिक लाभ लिया गया। पार्टी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। अमिताभ ठाकुर देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। पूरी खबर विस्तार से पढ़िए…
शनिवार को आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा, मेरठ मंडल अध्यक्ष अब्दुल अजीज और देवीपाटन मंडल अध्यक्ष (गोंडा) मंगल गिरी जिला कारागार पहुंचे। उन्होंने अमिताभ ठाकुर से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा ने कहा- यह कार्रवाई कानून की स्थापित प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है। यह पूरी तरह से बदले की भावना से की गई है। अमिताभ ठाकुर लगातार भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया। इस मामले की न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, वरना हम उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। पूर्व IPS से बंदियों जैसा व्यवहार नागवर पदाधिकारियों के अनुसार, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जिला कारागार देवरिया की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। उन्हें सामान्य बंदियों की तरह ही सुविधाएं दी जा रही हैं। सोने के लिए बिस्तर तक ठीक ढंग से नहीं दिए गए हैं। यह एक पूर्व आईपीएस के साथ बंदियों सा व्यवहार अमानवीयता है। अब पढ़िए क्यों गिरफ्तार किए गए अमिताभ ठाकुर… वर्ष 1999 से 2000 तक देवरिया के एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र में साल- 1999 में एक प्लॉट अलॉट कराया था। यह अलॉटमेंट नूतन इंडस्ट्रीज के नाम पर हुआ था। लेकिन, 3 साल तक एक ईंट नहीं रखी गई। फिर सितंबर, 2002 में नूतन ठाकुर ने इस जमीन की लीज डीड शराब और कंस्ट्रक्शन कारोबारी संजय प्रताप सिंह को ट्रांसफर कर दी। औद्योगिक क्षेत्र में ये प्लॉट 1999 में अलॉट हो रहे थे। उस समय अमिताभ ठाकुर देवरिया के एसपी थे। प्लॉट उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर अलॉट हुआ था। इसके बदले 3 लाख रुपए चुकाए गए थे। 99 साल की लीज थी। 3 साल तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर यह संजय प्रताप सिंह को ट्रांसफर हो गया। झूठे-नाम पते का किया इस्तेमाल प्लॉट अलॉटमेंट में फर्जी दस्तावेज और झूठे नाम-पते का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस के मुताबिक, नूतन ठाकुर ने कागजों में अपना नाम नूतन देवी बताया। ,वहीं पति के रूप में अमिताभ का नाम कुछ जगहों पर अभिजात और अभिताप ठाकुर लिखा है। पता- ग्राम खैरा, जिला सीतामढ़ी, बिहार के नाम दिया गया है। जो आवेदन पत्र, शपथ पत्र, ट्रेजरी चालान और ट्रांसफर डीड तैयार कराए गए हैं, उसमें ये नाम-पते हैं। 3 महीने पहले एफआईआर हुई लखनऊ के तालकटोरा में रहने वाले संजय शर्मा ने 3 महीने पहले इसकी शिकायत की थी। इसमें कहा था- नूतन ठाकुर ने फर्जी दस्तावेज में अपना नाम नूतन देवी और पति अमिताभ ठाकुर के नाम की जगह अभिजात ठाकुर/अभिताप ठाकुर लिखवाया। पता ग्राम खैरा, जिला सीतामढ़ी, बिहार लिखवाया। इसके आधार पर शपथपत्र, बैंक के कागज और ट्रांसफर डीड जैसे दस्तावेज बनवाकर विभागों को गुमराह किया।
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