देवरिया में बुधवार शाम छात्रों ने पहली बार आधुनिक टेलिस्कोप से चंद्रमा के गड्ढे, शनि के छल्ले और अन्य खगोलीय पिंडों का अवलोकन किया। यह खगोल विज्ञान कार्यक्रम जिला प्रशासन के निर्देश पर राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) देवरिया में आयोजित किया गया। इसमें जिलाधिकारी दिव्या मित्तल भी छात्रों के साथ मौजूद रहीं। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की पहल पर आयोजित यह कार्यक्रम इस वर्ष उत्तर प्रदेश में केवल देवरिया जिले में ही हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना, खगोल विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना और उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान से सीधे जोड़ना है। इस विशेष कार्यक्रम के लिए मुंबई के नेहरू तारामंडल से प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और विज्ञान व्याख्याता एस. नटराजन को आमंत्रित किया गया था। नटराजन देशभर में 3500 से अधिक वैज्ञानिक व्याख्यान दे चुके हैं और जटिल खगोलीय विषयों को सरल भाषा में समझाने के लिए जाने जाते हैं। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रात में आयोजित लाइव अवलोकन सत्र रहा। इसमें छात्रों ने विशेष टेलिस्कोप के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर मौजूद गड्ढों को स्पष्टता से देखा। उन्होंने शनि ग्रह के छल्लों और आकाश में स्थित अन्य ग्रहों तथा तारकीय पिंडों का भी अवलोकन किया। इस अनुभव से बच्चों में भारी उत्साह देखा गया। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्मांड की संरचना, ग्रहों और तारों की उत्पत्ति, आकाशगंगाओं के आकार और सौर मंडल की संरचना जैसे विषयों को रंगीन स्लाइड्स और दृश्यात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से सरल भाषा में समझाया गया। छात्रों ने खगोल विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका खगोलशास्त्री ने रोचक उदाहरणों के साथ उत्तर दिया। इस कार्यक्रम में राजकीय इंटर कॉलेज, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय देवरिया के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशासन ने बताया कि भविष्य में भी जिले के विद्यार्थियों के लिए ऐसे वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि उनमें अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि विकसित हो सके।
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