यूपी के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने अनिवार्य TET को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा की अध्यक्षता में 22 राज्यों के शिक्षक संगठनों के शिक्षकों ने हुंकार भरी और सरकार को मांग न मानने पर दिल्ली घेराव का अल्टीमेटम भी दे दिया है। शिक्षकों का कहना था कि एनसीटीई के गलत फैसले से 10 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। इसमें सबसे अधिक यूपी के 1.86 लाख शिक्षक भी शामिल हैं। ऐसे में इन शिक्षकों की मांग थी कि केंद्र सरकार से शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाकर TET अनिवार्य के आदेश को बदल दे। यूपी से 50 हजार शिक्षक जुटाने का किया दावा मोर्चा के संयोजक और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी ने कहा कि धरना प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश,पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, समेत अन्य राज्यों के सेवारत शिक्षक TET के मुद्दे पर एकजुट हुए हैं। साल दर साल सेवाएं देने के बाद अचानक एक फैसले से उनकी पढ़ाने की क्षमता पर सवाल उठ गए हैं। जबकि विभिन्न राज्यों के प्रदेश शिक्षा विभाग शिक्षकों को गुणवत्ता के साथ शिक्षा के लिए ट्रेनिंग देता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिक्षक सड़कों पर आने का विवश हो गए हैं। इस विरोध के बाद, शिक्षक अपने स्कूलों में जाकर काली पटटी बांधकर कक्षाएं लेंगे, लेकिन हमें शीतकालीन सत्र में आदेश में संशोधन का इंतजार रहेगा। उन्होंने दावा किया कि इस प्रदर्शन में यूपी के 50 हजार शिक्षकों के अलावा देश भर के 60 से 70 हजार शिक्षक पहुंचे थे। बच्चों को पढ़ाएं या खुद की परीक्षा की तैयारी करें विनय तिवारी ने कहा कि वर्ष 2011 से पहले भर्ती होने वाले शिक्षकों के लिए TET की कोई अनिवार्य शर्त नहीं थी। यदि होती तो वे उस समय अनिवार्य पात्रता परीक्षा का पास करते। अब अचानक 2025 में शिक्षकों को TET अनिवार्य का फैसला थोपा गया है। ऐसे में वे बच्चों को पढ़ाएं या फिर अपनी परीक्षा की तैयारी करें।
https://ift.tt/tTfZed4
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply