जालौन के कुठौंद थाने में शुक्रवार देर रात हुई घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की थाने परिसर में बने सरकारी आवास में सर्विस पिस्टल की गोली लगने से मौत हो गई। उनके आवास पर 9 एम.एम की पिस्तौल का खोखा बरामद हुआ है, जिसको पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। घटना के समय एक और बड़ी बात सामने आई है, बताया गया कि गोली चलने के तुरंत बाद एक महिला को इंस्पेक्टर के आवास से बाहर भागते हुए देखा गया। महिला को तेजी से परिसर से निकलते देखने के बाद पुलिस के सामने सवाल और भी गंभीर हो गए हैं। क्या इंस्पेक्टर किसी प्रेम-प्रसंग में फंसे थे? क्या मृतक ने खुद गोली मारी या फिर किसी तीसरे व्यक्ति ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की? इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार भारी पुलिस फोर्स के साथ रात में ही थाने पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने मौके से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। कमरे से बरामद सर्विस पिस्टल, खून के निशान, गोली की दिशा और घटनास्थल की स्थिति को वैज्ञानिक तरीके से जांचा जा रहा है। पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि घटना के सभी पहलुओं आत्महत्या, हत्या, किसी विवाद या रिश्ते सब पर गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि थाने परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज, प्रवेश-निकास की मूवमेंट, और स्टाफ के बयान लिए जा रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि घटना के वक्त इंस्पेक्टर के कमरे कौन था और घटना के वक्त वह वहां क्या कर रहा था। फिलहाल पुलिस जल्दबाजी में किसी भी नतीजे पर पहुंचने से बच रही है। लेकिन सिर पर गोली का निशान और महिला का बाहर भागना दो बड़े संकेत हैं, जिनसे यह मामला अब सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि संभावित हत्या या संबंधों से जुड़ा संवेदनशील मामला बन गया है। बता दें कि इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय मूल रूप से संत कबीरनगर के घनघटा थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
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