फतेहपुर जिले के हसऊपुर गांव में तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे और सीमांकन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत हसऊपुर के वर्तमान प्रधान गुलाब सिंह ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष पैमाइश की मांग की है। प्रधान गुलाब सिंह ने बताया कि हसऊपुर से सटे मौजा रेहरा में एक खातेदार ने गाटा संख्या 302 की हदबंदी के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि सीमांकन प्रक्रिया के दौरान तालाब की भूमि (गाटा संख्या 1024) का कुछ हिस्सा भी अवैध रूप से कब्जे में ले लिया गया है। यह तालाब हसऊपुर गांव की सुरक्षित भूमि है, जिसका उपयोग बरसों से ग्रामीणों के घरों के पानी की निकासी के लिए होता रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब की भराई से पूरे गांव की जल निकासी व्यवस्था ठप हो जाएगी, जिससे गंभीर समस्या उत्पन्न होगी। ग्रामीणों ने कार्रवाई करने की मांग की ग्राम प्रधान और ग्रामीणों को इस कब्जे की जानकारी तब हुई जब संबंधित व्यक्ति तालाब की भराई कराने मौके पर पहुंचा। विरोध करने पर आरोपी ने कथित तौर पर धमकी दी कि यह जमीन राजस्व कर्मचारियों द्वारा नापकर ही दी गई है। इस पर ग्रामीणों ने राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से रकबा अधिक दिखाकर सीमांकन करने का आरोप लगाया है। ग्राम प्रधान गुलाब सिंह के साथ हरिश्चंद्र लोधी, छोटेलाल पाल, धर्मेंद्र, सुनीता, अंजू, गीता, मालती, मोतीलाल, लक्ष्मी, ननकी, ज्ञानमती, संगीता सहित कई ग्रामीणों ने एसडीएम से मांग की है कि राजस्व के किसी वरिष्ठ अधिकारी की टीम गठित कर पूरे मामले की निष्पक्ष पैमाइश कराई जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि तालाब की भूमि पर कब्जा नहीं रोका गया तो गांव में जल निकासी की गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी।
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