फतेहपुर, उत्तर प्रदेश में डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर कांग्रेस कार्यालय ज्वालागंज में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेसियों ने डॉ. आंबेडकर के जीवन चरित्र और देश के संविधान निर्माण में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला अध्यक्ष महेश द्विवेदी ने बताया कि डॉ. आंबेडकर ने दलित महर जाति में जन्म लेकर अस्पृश्यता का सामना किया। इसके बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और देश के संविधान निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। द्विवेदी ने कहा कि आंबेडकर जी का मुख्य नारा ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो’ था, जिसका उन्होंने स्वयं अनुसरण किया। वह देश के पहले कानून मंत्री बने और उन्होंने सदैव दलित व निर्धन असहाय लोगों के लिए मसीहा बनकर समाज में समान अधिकार स्थापित करने का प्रयास किया। बाबासाहेब ने तमाम छुआछूत का सामना किया शहर अध्यक्ष मो. आरिफ गुड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि शुरुआती दौर में डॉ. बाबासाहेब ने तमाम छुआछूत का सामना किया। इसके बावजूद उन्होंने विदेश पहुंचकर कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की, जो उनके संघर्ष का प्रमाण है। गुड्डा ने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर एक प्रोफेसर के साथ-साथ एक कुशल वकील भी थे। उनकी योग्यता से प्रभावित होकर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान निर्माण समिति में एक सीट खाली कराकर उन्हें स्थान दिया, जहाँ उन्होंने संविधान निर्माण में अपना अतुलनीय योगदान दिया। इस कार्यक्रम में पार्टी प्रवक्ता ई. देवी प्रकाश दुबे, राम नरेश महाराज, ओम प्रकाश कोरी, आदित्य श्रीवास्तव, बीरेंद्र गुप्ता, सैयद सहाब अली, सुदेश पांडेय, चौधरी मोइन राइन, अकरम काले, डॉ. हमीद अहमद, शकीला बानो, अजय बच्चा, कौशल कुमार शुक्ला, नजमी कमर, हम्माद हुसैन, धर्मेंद्र सिंह, नफीस खान और उस्मान बेग सहित कई प्रमुख कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
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