मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बरेली में गुरुवार को निर्धन कन्याओं के विवाह हुए। दो दिन तक चलने वाले सामूहिक विवाहोत्सव का आज पहला दिन रहा। बरेली कॉलेज ग्राउंड में 469 निर्धन कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ। इनमें 372 हिंदू और 97 मुस्लिम जोड़ों ने वैवाहिक संबंध बनाए। एक तरफ मंडप में सात फेरे हुए, तो दूसरी ओर मौलवी ने निकाह की रस्म पूरी कराई। पंडाल में वैदिक मंत्रोच्चार बरेली कॉलेज में बड़ा पंडाल लगाया गया था, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी विवाहों की रस्में पूरी हुईं। पति ने पत्नी की मांग में सिंदूर भरा, मंगलसूत्र पहनाया और सात फेरे लेकर संबंध को पक्का किया। मंच पर डीएम अविनाश सिंह, सीडीओ देवयानी, मंत्री डॉ. अरुण कुमार सहित कई विधायक और अधिकारी मौजूद रहे। डीएम का बड़ा बयान मंच से संबोधित करते हुए डीएम अविनाश सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अब घर और घरवाली दोनों दे रही है। सरकार फ्री राशन और आवास भी उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह योजना बेहतरीन योजना है, जिसके तहत आज और कल मिलाकर बरेली में 1000 से अधिक विवाह कराए जा रहे हैं। बायोमीट्रिक से हो रहा सत्यापन डीएम ने बताया कि इस वर्ष मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में दूल्हा-दुल्हन की उपस्थिति आधार कार्ड के जरिए बायोमीट्रिक सत्यापन से की जा रही है। दूल्हा-दुल्हन के फिंगरप्रिंट, चेहरा और आंखों का डेटा आधार के माध्यम से मिलान किया गया। योजना में मिलते हैं 1 लाख रुपये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति जोड़ा एक लाख रुपये का सरकारी व्यय निर्धारित है। इसमें 60 हजार रुपये दुल्हन के बैंक खाते में ट्रांसफर, 25 हजार रुपये के उपहार और 15 हजार रुपये अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं।
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