लखनऊ स्थित SGPGI के एंडोक्राइनोलॉजी और पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की ओर से रविवार को टाइप-1 डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभाग के डॉक्टर, नर्स और एजुकेटर्स ने डायबिटीज रोकने में सही शिक्षा का महत्व विषयक नाटक की प्रस्तुति दी। डॉ. प्रीति दबगड़गांव और डॉ. वी भाटिया ने टाइप-1 डायबिटीज पीड़ित बच्चों और परिवारों से बात कर बताया कि इलाज में नियमित इंसुलिन और ब्लड शुगर की जांच के प्रबंधन अहम है। कार्यक्रम में डायबिटीज पीड़ित 50 परिवार शामिल हुए। डॉक्टरों ने बताया कि परिजनों को बीमारी के बारे में गलत जानकारी का शिकार नहीं होना चाहिए। डॉक्टरों ने बताया कि देश में करीब 10 लाख रोगी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं। अमेरिका के बाद भारत में टाइप 1 डायबिटीज रोगी हैं। इनमें करीब तीन लाख रोगी 20 वर्ष से कम आयु के हैं। हर वर्ष करीब 35 हजार बच्चे और किशोर इसकी जद में आ रहे हैं। टाइप-1 डायबिटीज वाले बच्चे और किशोर समय पर निदान, उचित डायबिटीज शिक्षा और पीयर ग्रुप सपोर्ट के साथ संतोषजनक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं। पीयर ग्रुप सपोर्ट को टाइप-1 डायबिटीज परिवारों का जीवन आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना गया है। इंसुलिन, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम कर टाइप-1 डायबिटीज पीड़ित रोगियों को रोगी बीमारी को काबू कर सकते हैं।
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