झांसी वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म से लेकर यार्ड तक रेल यात्रियों के साथ छिनैती जैसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। जब यात्रियों और जीआरपी झांसी को ये इल्म हुआ कि घटना वाले कोच में CCTV कैमरा लगे हैं तो उस बात की तसल्ली हो गई कि चोरों की पहचान कर उन्हें पकड़ लिया आएगा। लेकिन जब झांसी जीआरपी ने रेलवे के लखनऊ और रक्सौल मंडल से फुटेज मांगे तो पता चला कि कैमरे लगे हैं, लेकिन उनकी वीडियो रिकॉर्ड करने वाला डीवीआर ही नहीं है। बता दें कि 7 दिसम्बर को लखनऊ-भोपाल गरीबरथ एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच यात्रा कर रहीं महिलाओं में से एक महिला के हाथ से चोर झांसी स्टेशन यार्ड में पर्स छीन ले गया था। महिला ने GRP को बताया था कि ट्रेन में युवक चढ़ा और उनके हाथ से पर्स छीनकर चलती ट्रेन से उतर कर भाग गया। जब उन्होंने कोच के अंदर घटना स्थल पर लगे CCTV कैमरों की तरफ देखा तो इस बात की उम्मीद पाल ली कि जीआरपी छानबीन करेगी और चोर की पहचान हो जाएगी। साथ ही उनके बैग से लूट गए जेवर और पैसे समेत अन्य कीमती सामान भी वापस मिल जाएगा। इसी उम्मीद के साथ महिला ने झांसी जीआरपी में मामला दर्ज कराया। घटना दर्ज होने के बाद जब जीआरपी ने लखनऊ से संचालित होने वाली गरीबरथ एक्सप्रेस में लगे सीसीटीवी फुटेज मांगे तो जवाब मिला कि ट्रेन के अंदर लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग के लिए यहां DVR (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) नहीं है। ऐसे में कुछ भी रिकॉर्ड नहीं है। उधना-रक्सौल स्पेशल में नहीं नहीं रिकॉर्डिंग बीती 28 अक्टूबर को झांसी में ही उधना-रक्सौल स्पेशल एक्सप्रेस में महिला यात्री के साथ छिनैती की घटना घट गई। झांसी जीआरपी थाना प्रभारी रावेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि इन दोनों घटना में चोरों की पहचान करने के लिए लखनऊ और रक्सौल से वीडियो फुटेज मांगे गए लेकिन, उन्होंने बताया कि ट्रेन में लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग के लिए डीवीआर नहीं है। ऐसे में कोई भी फुटेज रिकॉर्ड नहीं है।
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