झांसी में बांग्लादेशियों की तलाश में शुरू हुआ अभियान लगातार जारी है। सीपरी बाजार थाना पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) ने खालसा स्कूल के पास झुग्गी झोपड़ियों में विशेष सघन चेकिंग अभियान चलाकर जांच की। इस दौरान रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के संदिग्ध व्यक्तियों के अलावा अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए उनके वैध पहचान पत्रों जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र के साथ अन्य अभिलेखों की भी जांच की गई। ताकि अवैध रूप से निवास कर रहे व्यक्तियों की समय पर पहचान कर उनके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। हालांकि टीम को चेकिंग के दौरान कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला। 20 दिन से चल रहा है अभियान सरकार ने गुपचुप तरीके से रह रहे बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या को तलाशने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। नवंबर के आखिरी सप्ताह से अभियान की शुरुआत हुई। सरकार को इनपुट मिला था कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों ने घुसपैठ कर न सिर्फ पहचान पत्र बनवा लिए बल्कि फर्जीवाड़ा कर वोटर आईडी कार्ड भी हासिल कर लिए। छोटे-मोटे काम कर ये लोग मूल आबादी के साथ घुल-मिल रहे हैं। बांग्लादेशियों के नगर निगम में भी सफाई कर्मी बन जाने पर प्रशासन के कान खड़े हुए। निगम प्रशासन ने पुलिस विभाग को अपने यहां आउटसोर्स पर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की लिस्ट सौंपी। इसके बाद खुफिया विभाग की मदद से सत्यापन आरंभ हुआ।पिछले 20 दिन के दौरान महानगर की विभिन्न मलिन बस्तियों को खंगाला जाना आंरभ हुआ। सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम ने बताया कि पुलिस और एलआईयू की टीम ने झुग्गी झोपड़ी में जाकर जांच की। हालांकि कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला। 10 बिंदुओं पर भेजी जानी है सूचना शासन ने करीब दस बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, इनमें कौन व्यक्ति बाहर से आकर यहां रह रहा है, अस्थायी रूप से कितने साल से निवास कर रहे हैं, किस कारण से यहां रह रहा है जैसी तमाम सूचनाएं शामिल हैं।
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