विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में लापरवाही बरतने पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने गुरुवार को 11 बीएलओ को निलंबित कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की संस्तुति भेजी। ये बीएलओ गणना पत्रक सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) तक नहीं पहुंचा पाए थे और जांच के दौरान अनुपस्थित मिले। विधानसभावार मतदाता पुनरीक्षण कार्य 4 नवंबर से चल रहा है। जिलाधिकारी ने सभी बीएलओ को गणना पत्रक वितरित कर 16 नवंबर तक एआरओ को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। जिले में कुल 2925 बीएलओ नियुक्त किए गए हैं। गुरुवार को समीक्षा बैठक में मेरठ दक्षिण, हस्तिनापुर और किठौर विधानसभा क्षेत्रों के 11 बीएलओ गैरहाजिर पाए गए। इनमें मेरठ दक्षिण के नीरज, बबीता कटियार, ललित स्टीफन और मदन मुरारी; हस्तिनापुर के शमा परवीन, पंकज रानी, सैय्यदा रूबीना अली और देवेंद्र कुमार; तथा किठौर के स्वाति, आसमीन और रितु नागर शामिल हैं। इसके अलावा दो सहायक अध्यापकों और एक शिक्षामित्र का वेतन भी रोकने के आदेश दिए गए हैं। निलंबन की जानकारी मिलते ही कई बीएलओ अधिकारियों के दफ्तर पहुंचे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हस्तिनापुर क्षेत्र में भी कई बीएलओ की लापरवाही सामने आई है। एसडीएम मवाना संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बार-बार चेतावनी के बावजूद अलका कुमारी, देवेंद्र कुमार, सुभाष, कमला, मंजू रानी, शमा परवीन और माधवी रस्तोगी जैसे बीएलओ पुनरीक्षण कार्य में गंभीर नहीं थे। इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को भेज दी गई है। एसडीएम सदर डॉ. दीक्षा जोशी ने बताया कि मेरठ दक्षिण के दो बीएलओ ललित स्टीफन और मदन मुरारी ने संपर्क कर उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि बबीता कटियार ने खुद को अस्पताल में भर्ती बताया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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