जालौन जिले में खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की बैठक में 44 विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं के लिए कुल 11 करोड़ 26 लाख 94 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह बैठक सोमवार शाम को विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश खनिज फाउंडेशन न्यास नियमावली 2017 (संशोधित 2025) के तहत खनिज परिहार/अनुज्ञाधारकों से प्राप्त धनराशि के सदुपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई। नियमावली के अनुसार, न्यास राशि का 70 प्रतिशत हिस्सा पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और कौशल विकास जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाएगा, जबकि 30 प्रतिशत राशि अन्य प्राथमिकताओं के लिए होगी। 5 प्रतिशत राशि प्रशासनिक व्यय हेतु निर्धारित है। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि न्यास निधि का मुख्य उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने स्वीकृत परियोजनाओं के समयबद्ध, पारदर्शी और उच्च गुणवत्ता वाले क्रियान्वयन पर जोर दिया, ताकि इन योजनाओं का वास्तविक लाभ आम जनता तक पहुँच सके। उरई विधायक गौरीशंकर वर्मा, माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने संबंधित विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की गहन समीक्षा की। समीक्षा के बाद, 11 करोड़ 26 लाख 94 हजार रुपये की लागत वाले 44 विकास प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली। इन परियोजनाओं में खनन प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ करना, विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएँ बढ़ाना, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाना और युवाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देना शामिल है। विधायकों ने इन प्रस्तावों को जनहित के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ये स्वीकृत परियोजनाएँ ग्रामीण और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास की गति को तेज करेंगी और स्थानीय नागरिकों को सीधा लाभ प्रदान करेंगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम नेहा ब्याडवाल, खान अधिकारी सन्नी कौशल सहित विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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