जालौन के डकोर कोतवाली क्षेत्र के कुठौदा गांव में बच्चों के मामूली विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। जिसके बाद दो मकानों में आग लगा दी गई। पीड़ित राजू साहू ने इस घटना के लिए पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। राजू साहू के अनुसार, उनके बच्चों के विवाद को लेकर नरेश अहिरवार के बेटे जैनेंद्र और आनंद ने उनके घर पहुंचकर उनकी पत्नी शर्मीली साहू के साथ गाली-गलौज की। उन्होंने शर्मीली को जान से मारने और घर में आग लगाने की धमकी भी दी। शर्मीली ने तुरंत उरई में मौजूद अपने पति राजू को घटना की जानकारी दी। राजू साहू ने बताया कि घर लौटते ही उन्होंने डकोर थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद उन्होंने डायल 112 पर सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को केवल समझाकर वापस भेज दिया। राजू ने बताया कि इसी बीच शुक्रवार रात जब वह अपने दूसरे मकान में खाना खा रहे थे, तभी अज्ञात लोगों ने पेट्रोल डालकर उनके दोनों मकानों में आग लगा दी। आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते घर में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। फायर ब्रिगेड और ग्रामीणों ने समरसेबल पंप की मदद से आग पर काबू पाया। हालांकि, तब तक भारी नुकसान हो चुका था। राजू साहू के अनुसार, चार ट्रॉली भूसा, गेहूं, साइकिलें, बक्सा और चारपाइयां सहित करीब दो लाख रुपये मूल्य का सामान जलकर राख हो गया। आग लगने के बाद रात में पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन राजू का आरोप है कि पुलिस ने केवल खानापूर्ति की और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शनिवार सुबह जब उन्होंने दोबारा प्रार्थना पत्र दिया, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि यदि उनके बेटों ने फोटो खींचे, तो उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। राजू साहू ने बताया कि वह इस पूरे मामले की शिकायत लेकर अपने परिवार सहित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचेंगे। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि धमकाने वालों को सजा मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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