चित्रकूट की धर्मनगरी में यज्ञवेदी निर्वाणी अखाड़ा के महंत सत्यप्रकाश दास सहित तीन लोगों पर मध्य प्रदेश की एक महिला ने गैंगरेप का गंभीर आरोप लगाया है। महिला न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है। उसने हाल ही में समाधान दिवस पर जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों से न्याय न मिलने पर पीड़िता ने न्यायालय का रुख किया था। न्यायालय के आदेश पर महंत सत्यप्रकाश दास सहित तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि, पुलिस ने जांच के बाद मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। न्यायालय ने इस फाइनल रिपोर्ट को खारिज करते हुए दोबारा विवेचना के निर्देश दिए हैं, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस कर रही जांच यह मामला कर्वी कोतवाली क्षेत्र के रामघाट स्थित यज्ञवेदी निर्वाणी अखाड़ा से जुड़ा है। मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके पति चित्रकूट के महंत सत्यप्रकाश दास के साथ रहते थे। वर्ष 2016 में महंत के खिलाफ पहाड़ी थाने में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में उसके पति को भी सह-अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया गया था। पीड़िता अपने पति को जेल से छुड़वाने के लिए मुकदमे की पैरवी करने चित्रकूट आती थी और यज्ञवेदी निर्वाणी अखाड़ा में रुकती थी। इसी दौरान महंत के भाई जय प्रकाश ने उसके पति को जेल से छुड़वाने के नाम पर उसे डरा-धमकाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए। विरोध करने पर जय प्रकाश ने उसके पति को जेल में ही रखने और जान से मारने की धमकी दी। जब आरोपी महंत सत्यप्रकाश दास जेल से छूटकर आया, तो उसने भी अपने रिश्तेदार अरविंद मिश्रा के साथ मिलकर लगातार उसका शारीरिक शोषण किया। पीड़िता को किसी को भी इसकी जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी जाती रही।
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