मऊ जिले में चिट फंड कंपनियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के परिवारों ने जिला कलेक्टर परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर अपने फंसे हुए करोड़ों रुपये के भुगतान की मांग की। संगठन के जिला अध्यक्ष विजय कुमार मौर्य ने बताया कि 2014 में सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की चिट फंड कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद, अनियमित योजना पाबंदी अधिनियम 2019 के तहत हर जिले में एक सक्षम अधिकारी नामित किया गया और फास्ट ट्रैक कोर्ट की नियुक्ति का प्रावधान किया गया। मौर्य के अनुसार, शासनादेश जारी होने के बाद पीड़ितों ने 2023 में जिले के सक्षम अधिकारी के पास भुगतान के लिए आवेदन जमा किए थे। हालांकि, कई सालों से उनकी मांगों पर शासन या प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इसी के अनुपालन को लेकर आज राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। मऊ जिले में लगभग 5 लाख पीड़ित हैं, जिनका पैसा इन प्राइवेट कंपनियों में फंसा हुआ है। अनुमान है कि चिट फंड कंपनियों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी हुई है। इन कंपनियों में शहर जेकेवी सहित कई अन्य कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने निवेशकों का पैसा फंसाया है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदर्शन के दौरान संगठन के जिला अध्यक्ष विजय कुमार मौर्य के साथ जयकरन राम, श्याम नारायण चौहान और हृदय नारायण राय सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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