मेरठ में “दि एक्जीक्यूटिव बोर्ड ऑफ मैथोडिस्ट चर्च इन इण्डिया” संस्था के डिस्ट्रिक्ट सुपरिटेंडेंट ने भू-माफिया डैनियल एल्बर्ट और अजय मित्तल पर चर्च की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया है। यह आरोप मान्य न्यायालय की डिक्री और एमडीए के नक्शे की आड़ में अन्य चर्च संपत्ति पर कब्जा और निर्माण का आरोप लगाया। चर्च की यह भूमि 11.344 हेक्टेयर रकबे की है, जिसका वर्तमान खसरा संख्या 5439 (नॉन जेड ए) सिविल लाइन्स में स्थित है। राजस्व अभिलेखों में संस्था का नाम बतौर निजी खेवटदार/मालिक दर्ज है। इस भूमि पर मैथोडिस्ट पंत के ईसाइयों की कॉलोनी, चर्च, कब्रिस्तान, उपासना स्थल, स्कूल और हॉस्टल वर्षों से स्थित हैं। यह भूमि 29 मई 1893 को पंजीकृत बैनामे के द्वारा खरीदी गई थी। संस्था और विपक्षीगण के बीच सिविल न्यायालय, उच्च न्यायालय, प्रशासनिक न्यायालय और राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश में कई मुकदमे विचाराधीन हैं। अपर नगर मजिस्ट्रेट सिविल लाइन ने 2018 सरकार बनाम डैनियल एलबर्ट आदि में 30 सितंबर 2021 को आदेश पारित किया था कि संपत्ति पर मौके पर कोई परिवर्तन न किया जाए। यह आदेश आज भी प्रभावी है। आरोप है कि अजय मित्तल ने 416.52 वर्ग मीटर का एमडीए से नक्शा पास करा लिया है, लेकिन इस नक्शे की फाइनल ड्राइंग अभी तक एमडीए द्वारा स्वीकृत नहीं की गई है। भू-माफिया डैनियल एल्बर्ट और अजय मित्तल इसी नक्शे और डिक्री की आड़ में चर्च की अन्य भूमि पर कब्जा और निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बिना अनुमति के भूमि पर खड़े हरे वृक्षों को भी काट दिया है। इस संबंध में, न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 5, मेरठ ने आदेश दिया था। इस आदेश के तहत आरोपित डैनियल एल्बर्ट, एजाज, शाहिद, जमील अहमद और शहजाद को धारा 147, 420, 468, 120बी भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत तलब किया गया था। ये सभी आरोपी वर्तमान में मान्य न्यायालय से जमानत पर रिहा हैं। उसके बावजूद भी इनके द्वारा धमकी दी जा रही हैं।
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