चंदौली जिले में ग्राम पंचायत संघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को सदर ब्लाक परिसर में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में आवाज उठाई, जिसमें मुख्य रूप से पंचायत सचिवों पर बढ़ते कार्यभार और ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रत्येक पंचायत सचिव के पास 7 से 8 गांवों का जिम्मा है। ऐसे में सुबह 10 बजे सभी पंचायत भवनों पर ऑनलाइन हाजिरी लगाना उनके लिए व्यावहारिक रूप से कठिन है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों का कार्यक्षेत्र आधारित होता है, इसलिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली उपयुक्त नहीं है। संघ के सदस्यों ने यह भी तर्क दिया कि ऑनलाइन उपस्थिति के लिए थर्ड पार्टी ऐप का उपयोग मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने आशंका जताई कि बैंक खातों से लिंक होने के कारण उनका व्यक्तिगत डेटा चोरी हो सकता है, जिससे निजता का हनन होगा। पंचायत सचिवों को फार्मर रजिस्ट्री, एग्री स्टेट सर्वे, राजस्व, कृषि विभाग, फैमिली आईडी, आयुष्मान हेल्थ कार्ड, स्वास्थ्य विभाग और समाज कल्याण जैसे विभिन्न विभागों के कार्य भी करने पड़ते हैं। हालांकि, उन्हें इन कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए शासन की ओर से कोई पर्याप्त सुविधा या प्रोत्साहन नहीं मिलता है। पदाधिकारियों ने ग्राम विकास अधिकारियों के पदोन्नति के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर कई पद खाली होने के बावजूद, अधिकारियों ने उनके पदोन्नति पर विचार करना बंद कर दिया है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो पंचायत सचिव आंदोलन तेज करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। इस दौरान धनंजय कुमार सिंह, नरेंद्र कुमार मौर्य, महेंद्र प्रसाद, प्रशांत यादव, राजेश विश्वकर्मा, शशांक कुमार, रेखा सिंह, आरबी यादव, दीपक यादव, अश्वनी सिंह, बृजेश कुमार सिंह और अजीत कुमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
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