गोरखपुर के ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र में रात्रिकालीन सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने औचक जांच शुरू कर दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने सहजनवां सीएचसी का निरीक्षण कर मरीजों से फीडबैक लिया और उपलब्ध सेवाओं की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान सभी चिकित्सा अधिकारी और स्टाफ मौजूद रहे। डॉ. झा ने बताया कि जिले में छह टीमें दिन में अलग-अलग अस्पतालों में जाकर सेवाओं की गुणवत्ता और कमी का मूल्यांकन करती हैं। अब विभाग रात्रिकालीन सेवाओं की निरंतरता और प्रभावशीलता पर विशेष ध्यान दे रहा है। सहजनवां सीएचसी निरीक्षण के दौरान एक सी-सेक्शन डिलेवरी की मरीज से बातचीत की गई, जो उपलब्ध सेवाओं से संतुष्ट थीं। वार्ड में चार प्रसूताएं और दो अन्य मरीज भर्ती थे, जिनका उपचार चल रहा था। मरीजों को मिले उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवाएं CMO ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। अस्पतालों में मेडिको-लीगल, इमरजेंसी, प्रसव और सी-सेक्शन जैसी सेवाएं हर परिस्थिति में निरंतर उपलब्ध रहनी चाहिए। स्टाफ को मरीजों की संतुष्टि सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देने को कहा गया। डॉ. झा ने बताया कि अलग-अलग टीमों के माध्यम से रात्रिकालीन सेवाओं की औचक जांच नियमित रूप से की जाएगी। इस दौरान मरीजों से फीडबैक लिया जाएगा ताकि सेवाओं में सुधार और तेज किया जा सके। इसका लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी लाभ सभी को मिले। निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध गर्भवती महिलाओं के लिए 102 नंबर और आपात स्थिति में अन्य मरीजों के लिए 108 नंबर की निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। यह एम्बुलेंस मरीजों को नजदीकी सरकारी अस्पताल तक पहुंचाती है और आवश्यकता पड़ने पर संदर्भित अस्पताल तक भी निःशुल्क सेवा देती है।
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