गोरखपुर में अति कुपोषण और गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों की देखभाल को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल शुरू की है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती बच्चों के डिस्चार्ज के बाद भी लगातार फॉलो-अप और पोषण सहायता देने की तैयारी की जा रही है। CMO डॉ. राजेश झा और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा ने NRC का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. अनिता मेहता, डॉ. अजीत यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह और अन्य सहयोगियों के साथ बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि डिस्चार्ज होने वाले बच्चों को टीबी रोगियों की तर्ज पर पोषण पोटली देने की योजना लागू की जाएगी, ताकि घर लौटने के बाद भी उनका पोषण स्तर बना रहे। फॉलो-अप न होने से बढ़ती है जटिलताओं की आशंका
CMO डॉ. झा ने बताया कि NRC से छुट्टी मिलने के बाद कई बच्चों का नियमित फॉलो-अप नहीं हो पाता, जिसके कारण उनमें दोबारा कुपोषण और बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों और आरबीएसके टीम की मदद से बच्चों का चरणबद्ध फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाएगा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से इसकी निगरानी करेंगे। NRC में खेल क्षेत्र विकसित करने की तैयारी
बैठक में यह भी सहमति बनी कि बच्चों के उपचार के दौरान सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए NRC में खेल एरिया विकसित किया जाएगा। इससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मदद मिलेगी। डॉ. झा ने बताया कि जिन अति कुपोषित बच्चों को कोई बीमारी नहीं है, उन्हें मिशन खिलखिलाहट के तहत पहले से ही सहायता दी जा रही है। अब गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों तक यह सहायता और अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचाई जाएगी।
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