गोरखपुर में खगोल विज्ञान और आकाशीय घटनाओं का रोमांच दिसंबर में अपने शीर्ष पर पहुंच गया है। गुरुवार की रात साल 2025 का आखिरी सुपर मून दिखाई देगा, जिसे देखने के लिए शहर के खगोल प्रेमियों में उत्साह की लहर है। सूर्य के अस्त होते ही चंद्रमा पूर्व दिशा में उभरेगा और आधी रात के आसपास आकाश में अपनी अधिकतम ऊँचाई पर होगा। सुबह होते-होते यह पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा। यह सुपर मून चार सुपर मून की श्रृंखला का तीसरा है, जबकि चौथा और अंतिम सुपर मून जनवरी 2026 में नजर आएगा। वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि गुरुवार की पूर्णिमा साल 2025 की अंतिम पूर्णिमा है। उत्तरी गोलार्ध में यह पतझड़ की अंतिम पूर्णिमा और दक्षिणी गोलार्ध में वसंत की अंतिम पूर्णिमा मानी जाती है। इसे ‘लांग नाइट मून’ और ‘मून बिफोर यूल’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह क्रिसमस से पहले का चंद्रमा है। इस पूर्णिमा से उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शुरुआत और दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की शुरुआत का संकेत मिलता है। धरती के करीब होगा कोल्ड सुपर मून खगोलविद अमर पाल सिंह के अनुसार इस सुपर मून को ‘कोल्ड सुपर मून’ कहा जा रहा है। नारंगी रंग का यह चंद्रमा धरती के करीब होने के कारण 10 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकीला दिखाई देगा। इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 3,57,000 किलोमीटर होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे देखकर खगोल प्रेमियों को बेहद रोमांचक और यादगार अनुभव मिलेगा। रात का संगम पेश करेगा बेहद आकर्षक दृश्य साल 2025 की आखिरी खगोलीय घटनाओं में 7 दिसंबर को चंद्रमा बृहस्पति के निकट दिखाई देगा। इसके बाद 18 दिसंबर को यह बुध के पास, 19 दिसंबर को शुक्र और 27 दिसंबर को शनि के समीप नजर आएगा। अमर पाल सिंह ने बताया कि सूर्य वर्तमान में भुजंगधारी राशि में है और 19 दिसंबर को यह धनु राशि में प्रवेश करेगा। खगोल प्रेमियों के लिए यह दिन और रात का संगम बेहद आकर्षक दृश्य पेश करेगा। खगोल प्रेमियों के लिए रहेगा यादगार अनुभव 21 दिसंबर को वर्ष की सबसे लंबी रात होगी। उत्तरी गोलार्ध में यह रात लंबी होने का मुख्य कारण पृथ्वी की धुरी का झुकाव है, जिससे सूर्य की किरणें इस क्षेत्र में कम पहुंचती हैं। इस रात लोगों को खगोल विज्ञान की वास्तविक जादुई अनुभूति होगी। इस महीने का सुपर मून और अन्य खगोलीय घटनाए बड़े और छोटे सभी के लिए देखने योग्य हैं। रात के आकाश में नारंगी रंग का चमकीला चंद्रमा, ग्रहों की निकटता और साल की सबसे लंबी रात, खगोल विज्ञान के प्रति लोगों की जिज्ञासा को और बढ़ा देंगे। गोरखपुर में खगोल प्रेमियों और छात्रों के लिए यह अवसर न केवल देखने का बल्कि सीखने का भी अनूठा अनुभव साबित होगा।
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