गोरखपुर जिला अस्पताल में हृदय रोगों की पहचान और उपचार के लिए इको जांच सेवा औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है। बृहस्पतिवार को प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कुमार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने इको मशीन का उद्घाटन किया। शुरुआत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद की पहली इको जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई सेवा शुरू होने से मरीजों को अब कम खर्च में बेहतर जांच सुविधा जिला अस्पताल में ही मिल सकेगी, जिससे निजी जांच केंद्रों पर निर्भरता कम होगी। उद्घाटन कार्यक्रम में अधिकारियों की मौजूदगी उद्घाटन अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी.के. सुमन, एसीएमओ आरसीएच डॉ. ए.के. चौधरी, वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. गणेश यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ. अनिल कुमार और डॉ. राजेश सहित कई चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने नई सेवा को जिले के मरीजों के लिए उपयोगी कदम बताया। बांसगांव में CHO–ANM का अभिमुखीकरण कार्यक्रम इको सेवा के शुभारंभ के बाद सीएमओ डॉ. झा बांसगांव कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पहुंचे, जहां सीएचओ और एएनएम के अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएमओ ने स्वास्थ्य सूचकांकों को बेहतर करने के लिए विस्तृत प्रशिक्षण दिया और हर स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जोर दिया। गर्भवती की समय पर जांच को बताया जरूरी सीएमओ ने प्रतिभागियों को बताया कि गर्भावस्था का पता लगते ही तुरंत पंजीकरण होने से प्रसव पूर्व सेवाएं समय से मिलती हैं। उन्होंने कहा कि गर्भवती की कम से कम चार बार जांच होनी चाहिए, जिसमें वजन, रक्त, पेशाब, मधुमेह, रक्तचाप और पेट की जांच अनिवार्य रूप से शामिल हों। उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान और समय पर रेफरल से जटिलताओं से बचा जा सकता है। टीकाकरण और संस्थागत प्रसव पर बल सीएमओ ने कहा कि जिले में सौ प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किए जाएं और बच्चे, किशोर एवं गर्भवती सभी समय पर टीकाकरण प्राप्त करें। उन्होंने निर्देश दिया कि तीस वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति की साल में एक बार रक्तचाप और मधुमेह की जांच अवश्य की जाए ताकि गैर-संचारी रोगों का समय रहते पता चल सके।
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