लखनऊ में गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त और निर्मल बनाने के लिए प्रशासन ने एक अहम बैठक की। मंगलवार को मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में साफ शब्दों में कहा गया कि अब गोमती में एक बूंद भी अशोधित पानी नहीं जाना चाहिए। नालों के शोधन से लेकर औद्योगिक प्रदूषण और घाटों की सफाई तक, हर स्तर पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए। नदी में गिरने वाले सभी नालों का 100 प्रतिशत शोधन अनिवार्य बैठक में मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि गोमती में गिरने वाले सभी नालों का शत-प्रतिशत ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जाए। जो नाले अब तक टैप नहीं हुए हैं या आंशिक रूप से टैप्ड हैं, उनके लिए स्पष्ट और समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा गया। उनका कहना था कि जब तक अनटैप्ड नाले पूरी तरह नियंत्रित नहीं होंगे, तब तक गोमती को स्वच्छ करना केवल कागजी प्रयास बनकर रह जाएगा। सीवर नेटवर्क का पूरा ब्योरा तीन दिन में मांगा जल निगम नगरीय को निर्देशित किया गया कि नगरीय क्षेत्रों में अब तक डाली गई सीवर लाइन, शेष कार्य और सीवर व्यवस्था में मौजूद गैप की विस्तृत रिपोर्ट तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराई जाए। क्षतिग्रस्त सीवर लाइनों के कारण गोमती में जा रहे अशोधित पानी को तत्काल रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए। तट और घाटों पर नियमित व प्रभावी सफाई के निर्देश गोमती के तटों और घाटों पर गंदगी को लेकर मण्डलायुक्त ने नगर निगम को साफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि नदी तट, घाटों और किनारों पर नियमित सफाई की प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए और तटीय क्षेत्रों में प्लास्टिक व ठोस अपशिष्ट के निस्तारण पर विशेष निगरानी रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कूड़ा किसी भी सूरत में नदी में न पहुंचे। औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती, नियमित जांच के निर्देश औद्योगिक प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विशेष निर्देश दिए गए। मण्डलायुक्त ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों का नियमित और औचक निरीक्षण किया जाए। बीओडी, सीओडी और फीकल कोलीफॉर्म जैसे मानकों की नियमित जांच अनिवार्य रूप से हो। किसी भी उद्योग द्वारा नदी में अपशिष्ट छोड़ने की पुष्टि होने पर कठोर कार्रवाई की जाए। 32 नालों में से 26 टैप, बाकी को जल्द जोड़ने के निर्देश जल निगम के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि गोमती में कुल 32 नालों का पानी गिरता है, जिनमें से 26 नाले टैप किए जा चुके हैं। इस पर मण्डलायुक्त ने शेष नालों को भी प्राथमिकता के आधार पर टैप कराने के निर्देश दिए, ताकि नदी में अशोधित जल का प्रवाह पूरी तरह रोका जा सके। डिस्चार्ज और ट्रीटमेंट के बीच 130 MLD का गैप बैठक में यह भी बताया गया कि कुल 730 एमएलडी डिस्चार्ज के मुकाबले 600 एमएलडी पानी का ही ट्रीटमेंट हो पा रहा है। मण्डलायुक्त ने इस 130 एमएलडी के गैप को गंभीरता से लेते हुए इसे भरने के लिए ठोस पद्धति तैयार कर शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोमती की सेहत से कोई समझौता नहीं होगा। अधूरी तैयारी पर जल निगम नगरीय को नोटिस बैठक में पूरी तैयारी के साथ न पहुंचने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी जताई और जल निगम नगरीय के अधिकारियों को शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोमती के पुनरोद्धार से जुड़े कार्यों में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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