अयोध्या में श्रीराम मंदिर परिसर में मंगलवार को होने वाले धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए गोंडा जिले से विभिन्न समाजों के 104 लोग आज श्रद्धा और उत्साह के साथ रवाना हुए। सभी आमंत्रित लोगों को गोंडा स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भवन पर एकत्र किया गया, जहां उन्हें तिलक लगाकर, चंदन लगाकर, प्रवेश पत्र सौंपकर और अंगवस्त्र भेंट कर विदा किया गया। यह दल कल अयोध्या पहुंचकर इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनेगा। रवाना होने से पहले सभी 104 लोगों की सुरक्षा जांच की गई। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने इनके दस्तावेज और पृष्ठभूमि की पड़ताल कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई, जिसके बाद ही प्रवेश पत्र जारी किए गए। कल सुबह 8 बजे से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी, जहां सभी आमंत्रित जन चेकिंग के बाद श्रीराम मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। अयोध्या से गोंडा का गहरा धार्मिक संबंध गोंडा और अयोध्या का संबंध आध्यात्मिक रूप से बेहद प्राचीन माना जाता है। यह क्षेत्र महाराज दशरथ की कर्मभूमि बताया जाता है, जहां उनकी गायें विचरण करती थीं। अनेक महर्षि एवं मुनियों ने गोंडा में निवास कर इस पवित्र संबंध को और मजबूत किया। इसी भूमि पर गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना कर दोनों धरती को एक सूत्र में पिरोया। जितेंद्र उर्फ छोटे बाबा ने रवाना होने से पहले कहा-“हम लोगों का सौभाग्य है कि इतने बड़े और ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शामिल होने का अवसर मिल रहा है। गोंडा से सामूहिक रूप से अयोध्या रवाना हो रहे हैं। वहां प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान पर ठहरेंगे और कल धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।” वहीं कैलाश नाथ वर्मा ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा—“पत्रकारिता शुरू करने के बाद से देखता आ रहा था कि भगवान श्रीराम का मंदिर कब बनेगा। अब मंदिर बन गया है और धर्म ध्वजारोहण जैसा ऐतिहासिक कार्यक्रम हो रहा है। इसमें शामिल होने का अवसर मिल रहा है, यही मेरे लिए सौभाग्य है। ऐसा लगता है मानो प्रभु श्रीराम का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।” अयोध्या में होने वाला यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में धार्मिक आस्था और उत्साह का केंद्र बना हुआ है, और गोंडा से रवाना हुए ये 104 लोग इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने जा रहे हैं।
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