गोंडा जिले के रूपईडीह विकासखंड के बनगांई ग्राम पंचायत में तैनात बीएलओ और शिक्षामित्र नानबच्चा की तबीयत बुधवार सुबह अचानक बिगड़ गई। उन्हें तत्काल आरएन पांडेय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमसी), लखनऊ रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम सदर अशोक कुमार और बीएसए अमित कुमार सिंह ने परिजनों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली। नानबच्चा की बेटी ने आरोप लगाया कि उनके पिता पर बीएलओ के काम का बहुत दबाव था। उन्होंने बताया कि उनके पिता को पहले से रक्तचाप (बीपी) की समस्या थी, लेकिन काम के दबाव के कारण उन्होंने अपनी दवा नहीं ली, क्योंकि उन्हें डर था कि दवा खाने से नींद आ जाएगी। इसीलिए मेरे पिता बीपी की दवा नहीं खा रहे थे और अपने काम में लगे हुए थे। 4 तस्वीरें देखिए… बेटी के अनुसार कल शुक्रवार को बीआरसी में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने उनके पिता को बहुत डांटा था। इसके बाद वे रात भर सो नहीं पाए और आज शनिवार सुबह अचानक बेहोश होकर गिर गए। डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज की आशंका जताई है, जिसके बाद उन्हें लखनऊ रेफर किया गया है। जहां उनके साथ इलाज के लिए शिक्षा विभाग की अधिकारी और कर्मचारी भी गए हुए हैं। वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अमित कुमार सिंह ने परिजनों के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई डांट नहीं लगाई गई थी। बीएसए के अनुसार, नानबच्चा पहले से ही बीमार थे और उनका रक्तचाप बढ़ा हुआ था, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्होंने यह भी बताया कि बेहतर इलाज के लिए उन्हें लखनऊ भेजा गया है और विभाग के कर्मचारी मदद के लिए उनके साथ गए हैं।
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