गोंडा जिले में बड़े पैमाने पर हुए जमीन घोटाले के संबंध में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) उत्तर प्रदेश की कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन पर कब्जा करने के आरोप में राम कैलाश पांडे को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने गोंडा के निबंधन कार्यालय सदर में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर फर्जी अभिलेख तैयार किए थे। राम कैलाश पांडे के खिलाफ लखनऊ के एसआईटी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और फर्जीवाड़े सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इस मामले की जांच लखनऊ एसआईटी और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा की जा रही है। पिछले चार महीनों में इस मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इनमें 12 अगस्त को सरजू प्रसाद, 7 अक्टूबर को मसरूर अहमद, 9 अक्टूबर को शिवशरण पांडे और 4 नवंबर को अंबिका प्रसाद शामिल हैं। अब फरार चल रहे राम कैलाश पांडे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस जमीन फर्जीवाड़े का खुलासा तत्कालीन गोंडा डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने एक टीम गठित कर जांच कराई थी, जिसमें 50 से अधिक जमीन फर्जीवाड़े के मामले सामने आए थे। इन सभी मामलों को लेकर गोंडा के नगर कोतवाली में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनकी जांच अब एसआईटी लखनऊ और आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन उत्तर प्रदेश को सौंप दी गई है।
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