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गुरुग्राम में गेमिंग कंपनी की ₹117.41 करोड़ की संपत्ति कुर्क:फ्लैट और अपार्टमेंट भी शामिल, ED ने की कार्रवाई; ‘हां या ना’ में फंसा करोड़ों कमाए

हरियाणा के गुरुग्राम स्थित प्रोबो मीडिया टैक्नोलॉजीज कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कंपनी और उसके निदेशकों के परिवार के सदस्यों की करीब 117.41 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। कुर्क की गई संपत्तियों में कंपनी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर्स में निवेश, डिमांड ड्राफ्ट, बैंक बैलेंस और निदेशकों के परिवार के सदस्यों के नाम पर फ्लैट और अपार्टमेंट शामिल हैं। बता दें कि प्रोबो ऐप और वेबसाइट ‘ऑनलाइन गेमिंग’ के नाम पर ऑनलाइन जुआ चलाती थी। कंपनी खुद को स्किल-बेस्ड गेमिंग प्लेटफॉर्म बताती थी, लेकिन जांच में पता चला कि यह यूजर्स को ‘हां या ना’ वाले सवालों के जरिए जुए में फंसाती थी। इससे यूजर्स को धोखा दिया जाता था और कंपनी को भारी मुनाफा होता था। इसके बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की थी। यह जांच हरियाणा के गुरुग्राम, पलवल और उत्तर प्रदेश के आगरा में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। हालांकि, नए ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 लागू होने के बाद प्रोबो ने अगस्त 2025 में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया था। मगर, ईडी की जांच जारी है। ईडी की जांच से पता चला है कि कंपनी के निदेशकों और प्रमोटर्स की आपराधिक गतिविधियों से करीब 1,245.64 करोड़ रुपए के ‘क्राइम से इनकम’ हुई। ईडी की तरफ से बताया गया है कि आगे भी कार्रवाई हो सकती है। तीन प्वाइंट से समझे प्रोबो एप से कैसे यूजर्स को ठगा… 3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का दावा
प्रोबो की आधिकारिक वेबसाइट और ऐप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार उनके ऐप पर 3 करोड़ से अधिक यूजर्स थे। कंपनी द्वारा भारत का सबसे बड़ा ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होने का दावा किया जाता था। मई 2025 के एक ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने दावा किया कि ऐप पर 4.7 करोड़ से अधिक यूजर्स एक्टिव हैं। हरियाणा सरकार लागू कर चुकी पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 2 प्रावधान 1. मैच-स्पॉट फिक्सिंग के लिए 3 साल की जेल
एक्ट में विशेष रूप से खेलों में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। न्यूनतम 3 वर्ष की सजा है, जिसे बढ़ाकर 5 वर्ष किया जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी है, जो कि 5 लाख रुपए से शुरू है। इतना ही नहीं बार-बार अपराध करने वालों को 7 साल तक की जेल हो सकती है। 2. सट्‌टेबाजी के लिए अलग से परिभाषा
हरियाणा के अधिनियम में सट्टेबाजी को मोटे तौर पर मौखिक, लिखित या निहित, किसी भी तरह के समझौते के रूप में परिभाषित किया गया है। एक ऐसा समझौता जो अनिश्चित घटनाओं के नतीजों पर बेस्ड है और जहां भविष्यवाणियां असफल होने पर वित्तीय या भौतिक नुकसान होता है। ओपिनियन ट्रेडिंग ऐप भी दायरे में हैं।


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