गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की बोर्ड बैठक कमिश्नर अनिल ढींगरा की अध्यक्षता में प्राधिकरण के सभागार में संपन्न हुई। बैठक में नया गोरखपुर की पहली योजना गुरुकुल सिटी के संभावित (टेंटेटिव) ले आउट को मंजूरी दे दी गई है। प्राधिकरण के पास अब इस बात का विवरण है कि इस योजना में कहां ग्रीन लैंड होगा, कहां नाली बनेगी, किस ओर प्लॉट होंगे और कहां सड़कें बनेंगी। बैठक में कई अधिकारी अनुपस्थित रहे। जिसपर कमिश्नर ने काफी नाराजगी जताई। उन्होंने 16 अधिकारियों का वेतन अगले आदेश तक बाधित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों के विरुद्ध शासन को पत्र लिखने का आदेश दिया है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में जैसे-जैसे जमीन का अधिग्रहण होता जाएगा, वहां विकास कार्य शुरू होते जाएंगे। GDA की ओर से शहर की बढ़ती आबादी को राहत देने के लिए 6000 एकड़ में नया गोरखपुर बसाने की योजना है। इसकी शुरूआत शहर के उत्तर दिशा में मानीराम, बालापार, रहमतनगर से ही जा रही है। उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की द्वितीय बटालियप के भवन के पास ही यह योजना विकसित की जाएगी। इसका कुल क्षेत्रफल 400 एकड़ होगा। लगभग 25 प्रतिशत जमीन प्राधिकरण को मिल चुकी है। यहां कई तरह की सुविधाएं होंगी। जानिए गुरुकुल सिटी में कितनी जमीन किस उपयोग में आएगी यहां पर 22 हजार 165 वर्ग मीटर जमीन 60 मीटर चौड़ी रोड के लिए प्रस्तावित की गई है। हरित पट्टी के साथ जलाशय के लिए 32 हजार 845 वर्ग मीटर आरक्षित रखा गया है। बात कुल प्लानिंग एरिया की करें तो 15 लाख 63 हजार 178 वर्ग मीटर क्षेत्र आरक्षित किया गया है। इस योजना में कामर्शियल, मेडिकल, इंस्टीट्यूशनल, सेमी पब्लिक, पब्लिक सेक्टर की व्यवस्था होगी। अनिवार्य अर्जन की प्रक्रिया पर भी लगी मुहर
नया गोरखपुर के लिए किसानों से कुछ जमीनें ही ली जा सकी हैँ। अब किसान वर्तमान रेट पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में यहां अनिवार्य अर्जन की प्रक्रिया की जा रही है। कुसम्ही रोड पर तीन गांवों माड़ापार, तकिया मेदिनीपुर एवं ग्राम कोनी में अनिवार्य अर्जन किया जा रहा है। इसके धारा 11 के प्रकाशन को लेकर प्रारंभिक अधिसूचना जारी करने की मंजूरी भी मिल गई। प्राधिकरण शहर के उत्तर मानीराम, रहमतनगर एवं बालापार में भी अनिवार्य अर्जन की ओर जा रहा है। जिस जमीन पर कल्याण मंडपम बना, उसका भू उपयोग बदलेगा प्राधिकरण की ओर से राप्तीनगर विस्तार योजना में जिस जमीन पर कल्याण मंडपम का निर्माण कराया गया है। अब उसका भू उपयोग बदला जाएगा। इसका निर्माण लेआउट के पार्क में किया गया है। इसे बदलकर आवासीय किया जाएगा। पार्क के लिए कहीं और जमीन चिह्नित की जाएगी। कल्याण मंडपम बन चुका है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण किया था। सरकारी योजनाओं के लिए भू उपयोग परिवर्तन को मिली मंजूरी हाल ही में प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के द्वितीय बटालियन के भवन निर्माण के लिए चिह्नित जमीन का भू उपयोग कृषि से बदलकर आवासीय एवं अनावासीय किया है। अब कोनी में बन रहे महिला बटालियन के भवन के लिए चिह्नित जमीन का भू उपयोग भी बदला जाएगा। यह ग्रीन लैंड है। प्रशासन की ओर से इसके बदले में 60 एकड़ जमीन ग्रीन लैंड के लिए दी गई है। अब प्राधिकरण यहां जमीन का भू उपयोग आवासीय व कार्यालय करेगा। दावे एवं आपत्तियां जल्द आमंत्रित की जाएंगी। शुरू में प्राधिकरण अपने फंड से कराएगा मंडलीय कार्यालय का निर्माण गोरखपुर में रेलवे स्टेशन के पास एकीकृत मंडलीय कार्यालय बनाया जाना है। यह परियोजना भूमि मौद्रीकरण पद्धति पर तैयार की गई है। लेकिन नजूल की जमीन को फ्री होल्ड करने की अनुमति पाने में हो रही देरी के कारण अब प्राधिकरण ने शुरू में अपने फंड से कार्यालय का निर्माण शुरू कराने की योजना बनाई है। इसपर लगभग 250 करोड़ रुपये खर्च होंगै। बोर्ड में इस प्रस्ताव को भी रखा गया, जिसे मंजूर कर दिया गया है। बाद में जब नजूल की भूमि की नीलामी होगी तो प्राधिकरण यह धनराशि प्राप्त कर लेगा। इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना के लेआउट में आंशिक संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही राप्तीनगर विस्तार टाउनशिप एवं स्पोर्ट्स सिटी योजना में एचआईजी प्लॉटों की अब ई नीलामी नहीं होगी। इसे ई लॉटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। यानी इसके लिए अब बोली नहीं लगाई जाएगी। कुश्मी इन्कलेव योजना की अद्यतन प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई। GDA में सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल तथा लिपिक कार्मिकों को सेवा में लेने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई। अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए गठित प्रवर्तन दल के कार्यों के बारे में बोर्ड को बताया गया। जानिए GDA उपाध्यक्ष ने क्या कहा
जीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि गुरुकुल सिटी के टेंटेटिव ले आउट को मंजूरी दी गई। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना के ले आउट में आशंक संशोधन का प्रस्ताव लाया गया। इसके साथ की मंडलीय कार्यालय का निर्माण तेज करने को लेकर भी प्रस्ताव था। विस्तारित क्षेत्र की महायोजना को लेकर आए प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई है।
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