गाजीपुर जिले के रेवतीपुर बाल विकास परियोजना के तहत छह आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा बीत जाने के बाद भी अधूरा है। करीब 70 लाख रुपये की लागत से विभिन्न गांवों में बन रहे इन भवनों का निर्माण तीन महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन अधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण यह कार्य धीमी गति से चल रहा है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए स्वयं के भवन उपलब्ध कराने का शासन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। हैरानी की बात यह है कि बाल विकास परियोजना विभाग के अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करते रहते हैं, फिर भी इन भवनों के निर्माण को जल्द पूरा कराने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का प्रस्ताव बाल विकास विभाग ने एक साल पहले शासन को भेजा था। इसे चालू वित्तीय वर्ष की जुलाई में स्वीकृति मिली और लगभग 70 लाख रुपये का बजट भी जारी किया गया। टेंडर प्रक्रिया के बाद अगस्त में निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसे अक्टूबर तक पूरा किया जाना था। जिन गांवों में ये केंद्र बन रहे हैं, उनमें नूरपुर, दसवंतपुर, बड़ौरा, नगसर मीर राय, महना और बिसुनपुरा शामिल हैं। रेवतीपुर ब्लॉक में कुल 203 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 49 केंद्र अपने स्वयं के भवनों में हैं, जबकि 112 परिषदीय स्कूलों के परिसर में, 8 पंचायत भवनों में और 34 किराए के भवनों में चल रहे हैं। इन केंद्रों में लगभग 19 हजार बच्चे और लाभार्थी पंजीकृत हैं। सीडीपीओ वंदना गुप्ता ने बताया कि भवनों का निर्माण कार्य जारी है, लेकिन मजदूरों की कमी के कारण इसमें देरी हुई है। उन्होंने कार्यदायी संस्था को अपने संसाधन बढ़ाकर निर्माण कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। गुप्ता ने दावा किया कि इन भवनों का निर्माण अगले एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
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