गाजीपुर में केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताओं के विरोध में बुधवार को तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा। यू.पी.एम.एस.आर.ए. की गाजीपुर इकाई, अखिल भारतीय किसान सभा और सीटू के सदस्यों ने गाजीपुर तहसील स्थित सरजू पांडे पार्क में बांह पर काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इन संहिताओं को तत्काल वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये श्रम संहिताएं मजदूर-कर्मचारी विरोधी हैं। यू.पी.एम.एस.आर.ए. गाजीपुर इकाई के ए.के. जैन ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये चार श्रम कोड कंपनी मालिकों को ठेका मजदूरी की खुली छूट देते हैं। साथ ही, ये बिना किसी कारण छंटनी और शोषण का अधिकार भी प्रदान करते हैं, जिसका तमाम ट्रेड संगठन लगातार तीन दिनों से विरोध कर रहे हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के योगेंद्र यादव ने किसानों और मजदूरों के खिलाफ हो रहे प्रयासों की निंदा की। उत्तर प्रदेश किसान सभा से ईश्वर लाल गुप्ता ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए धरने को समर्थन दिया। किसान सभा के साथी मारकंडेय जी ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया। यू.पी.एम.एस.आर.ए. के प्रदेश संयुक्त महामंत्री आर.एम. राय ने मजदूरों और कर्मचारियों के अधिकारों पर लगातार हो रहे हमलों पर प्रकाश डाला। धरना प्रदर्शन के बाद, प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रधानमंत्री, भारत सरकार को प्रेषित किया। इस कार्यक्रम में आर.एम. राय, ए.के. जैन, एस.के. राय, आशीष राय, शिवम गुप्ता, कृष्णा शर्मा, सुधीर राय, विकास वर्मा, विनित शर्मा, सर्वेश मिश्रा, अर्पित गुप्ता, सौरभ शर्मा, राकेश तिवारी, निकेत तिवारी, शुभम चौरसिया सहित कई अन्य सदस्यों ने अपना विरोध दर्ज कराया।
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