गाजीपुर शहर में पिछले सात वर्षों से चल रहे सीवर परियोजना कार्य ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रमुख मार्गों पर दो वर्ष पहले कार्य पूरा होने के बावजूद सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है, जिससे शहरवासियों में भारी आक्रोश है। इसी आक्रोश के चलते शहर के 10 हजार लोगों ने जिलाधिकारी गाजीपुर को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें जर्जर सड़कों, धूल-गंदगी और बढ़ती दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। यह हस्ताक्षर अभियान 11 नवंबर से 21 नवंबर तक चलाया गया था, जिसमें 10,000 लोगों ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए विरोध दर्ज कराया। यह ज्ञापन विवेक सिंह शमी द्वारा जिलाधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि सीवर निर्माण की कंपनी, जल निगम, नमामि गंगे प्रोजेक्ट, नगर पालिका और PWD जैसी कार्यदायी संस्थाओं ने पिछले सात वर्षों में शहर में किए गए कार्यों की सही निगरानी नहीं की। नागरिकों का कहना है कि कार्य समाप्त होने के बाद भी अधिकांश सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई, जिससे अनियमितताएं बढ़ी हैं। शहरवासियों ने मांग की है कि सभी विभागों के कार्यों की जांच कर दोषी अधिकारियों, संस्थाओं या फर्मों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि वर्तमान में चल रहे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलाधिकारी एक सक्षम अधिकारियों की समिति गठित करें। इस समिति की निगरानी में ही आगे के सभी कार्य करवाए जाएं, ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके और कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरे हों। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप नहीं करता है, तो शहर की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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