कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के अरशदपुर गांव निवासी 28 वर्षीय गल्ला व्यापारी राजा बाबू का शव भेवान और केशरी निवादा के बीच रामगंगा नहर पटरी पर स्थित एक मजार के पीछे पड़ा मिला। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय और कोतवाल मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू की। राजा बाबू सोमवार सुबह करीब 11 बजे घर से 70,000 रुपये लेकर निकला था। शिवली में उसकी मुलाकात चचेरे भाई अजीत कुमार से हुई, जिसने उसे 80,000 रुपये दिए थे। राजा बाबू को कुल डेढ़ लाख रुपये बैंक में जमा करने थे। इसके बाद वह वहां से चला गया था। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे केसरी नेवादा और भेवान गांव के बीच रामगंगा नहर पटरी पर स्थित मजार के पीछे ऊसर में उसका शव और बाइक पड़ी मिली। सूचना मिलने पर कोतवाल प्रवीण कुमार यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बाइक के नंबर से अरशदपुर गांव में सूचना दी गई, जिसके बाद राजा बाबू के पिता संतराम वर्मा और मौसी का पुत्र शिव कांत वर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर अंग्रेजी शराब के चार खाली क्वार्टर, तीन गिलास और खून से सने ब्लेड के टुकड़े मिले। राजा बाबू के सीने में कई गहरे घाव थे। उसके सीने पर खून से सना एक सुसाइड नोट भी चिपका हुआ था। राजा बाबू के पिता संतराम वर्मा, मां सुखदेवी, बहन पूनम, बड़ा भाई प्रमोद और मौसेरे भाई शिव कांत ने हत्या का आरोप लगाया है। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय ने भी मौके पर पहुंचकर छानबीन की। कोतवाल प्रवीण कुमार यादव ने बताया कि घटना की बारीकी से जांच की जा रही है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह सामने आएगी।
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