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गलत बार कोड से दूसरे के खाते में गए रुपए:खाताधारक चार माह से बैंक और थाने के चक्कर लगा रहा, चार्जशीट की तैयारी

बैंक के कर्मचारी की गलती से एक परिवार का 1.80 लाख रुपए दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गया। चार महीने से परिवार अपना पैसा वापस पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा है। लेकिन मदद नहीं मिल रही। आरोप है कि जिस बैंक मैनेजर के समय में यह हुआ, वह भी अपना ट्रांसफर कराकर जा चुका है। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया, लेकिन रुपए वापस दिलाने की जरा भी कोशिश नहीं की। विवेचक का कहना है कि जल्द मुकदमे में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। पंजाब नेशनल बैंक शाखा में बचत खाता कंकरखेड़ा श्रद्धापुरी के रहने वाले गीता रानी पत्नी संदीप सोनकर का सदर बाजार की पंजाब नेशनल बैंक शाखा में बचत खाता है। 13 अगस्त, 2025 को संदीप अपनी पत्नी की पासबुक भरने के बाद नई पासबुक निकलवाने बैंक पहुंचे। वहां मौजूद कर्मचारी ने नई पासबुक जारी की और उस पर बारकोड भी चस्पा कर दिया। आरोप है कि बैंक कर्मचारी ने किसी अन्य अकाउंट नंबर का बारकोड उनकी पत्नी की पासबुक पर जारी कर दिया, जिस कारण उनकी पत्नी के खाते में आने वाले 1.80 लाख रुपये दूसरे खाते में चले गए। महिला ने रुपए लौटाने से इनकार किया संदीप का कहना है कि रकम ना आने के बाद वह बैंक पहुंचे तो पता चला कि गीता की पासबुक पर सदर बाजार निवासी नीलू रानी का बारकोड चस्पा किया गया था, जिस कारण रुपए उस दूसरी महिला के खाते में चले गए हैं। महिला से संपर्क किया गया तो उसने रुपए लौटाने से इनकार कर दिया। शुरुआत में बैंक मैनेजर सौरभ अग्रवाल जल्द रुपए दिलाने का दावा करते रहे लेकिन फिर अचानक वह छुट्टी पर चले गए। कई दिन बाद पता चला कि बैंक मैनेजर का ट्रांसफर हो गया है। तीन बार में निकाली गई रकम संदीप ने बताया कि 13 अगस्त को उनकी पत्नी के खाते में लोन के 1.80 लाख रुपए आए थे। तीन दिन बाद जब वह चेक की मदद से रुपए निकालने बैंक पहुंचे तो पता चला कि खाते में कोई पैसा ही नहीं आया है। पासबुक में एंट्री करायी तो पता चला कि उस पर गलत बारकोड लगा है और यह पैसे दूसरे खाते में चले गए हैं। चेक करने पर पता चला कि नीलू रानी का खाता है, जिसमें से तीन बार में यह रुपए निकाले जा चुके हैं। मैनेजर समेत दो पर FIR दर्ज संदीप ने कई दिन बैंक के चक्कर काटे लेकिन मदद नहीं मिली। परेशान होकर उन्होंने सदर बाजार थाने में तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने बैंक मैनेजर सौरभ अग्रवाल और खाताधारक महिला नीलू रानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने दावा किया कि जल्द रुपया वापस दिला दिया जाएगा लेकिन जैसे जैसे समय बीता मामला ठंडे बस्ते में चला गया। बैंक स्वीकार चुकी अपनी गलती इस पूरे घटनाक्रम के बाद 9 नवंबर को पुलिस थाने में बैंक मैनेजर व खाता धारक महिला को बुलाया गया। मैनेजर ने बैंक की गलती को स्वीकार किया। पुलिस की सख्ती के बाद खाता धारक महिला ने भी यू टर्न लिया। महिला ने लिखकर दिया कि वह प्रत्येक माह 10 हजार रुपए गीता देवी को लौटाएगी। इसके लिए महिला ने 16 चेक भी दिए जो मौके पर मौजूद बैंक मैनेजर सौरभ अग्रवाल अपने साथ ले गए। 10 दिसंबर को पहली किश्त जमा होनी थी लेकिन गीता के खाते में कहीं से कोई पैसा नहीं आया। ऐसे निकाले गए गीता के रुपए सौरभ अग्रवाल की जगह आए बैंक मैनेजर मोहित यादव ने रिकार्ड निकाला तो पता चला कि नीलू रानी के खाते में गई रकम को तीन से चार बार में निकाला गया। 13 अगस्त को 50 हजार रुपये एटीएम के जरिए निकाले गए। उसी दिन 70 हजार रुपए नीलू ने अपनी सास जयश्री के खाते में ट्रांसफर कर दिए। नीलू ने 14 अगस्त को फिर उस अकाउंट से 50 हजार रुपए निकाल लिए। बाद में नीलू ने सास के खाते में गई रकम को भी निकाल लिया। गीता बोली- मैनेजर ने फ्राड किया गीता देवी का आरोप है कि उनके साथ यह वारदात जान बूझकर की गई है। तत्कालीन बैंक मैनेजर सौरभ अग्रवाल इस धोखाधड़ी के सूत्रधार हैं। उन्होंने सदर बाजार क्षेत्र की महिला नीलू रानी का सहारा लिया और उसके खाते में रुपया डलवा लिया। बाद में छुट्टी वाली अवधि का लाभ उठाकर तीन बार में खाते से 1.80 लाख रुपया निकाल लिया गया, जिसे अब महिला व उसके परिवार लौटाने से मना कर रहे हैं। ऐसे तो बैंक से उठ जाएगा भरोसा व्यापारी नेता सुनील दुआ का कहना है कि एक आम आदमी का पैसा बैंक में सर्वाधिक सुरक्षित है। अगर बैंक इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होंगे तो लोगों का भरोसा ही उन पर से उठ जाएगा। पुलिस भी चार माह से चक्कर कटाती रही। वह चाहती तो थोड़ी सख्ती दिखाकर रुपया दिला देती लेकिन वह भी ना जाने किस दबाव में कानून का पाठ पढ़ाने तक सीमित है। जबकि हकीकत पुलिस को पता है। पुलिस जबरदस्ती नहीं कर सकती सीओ कैंट नवीना शुक्ला का कहना है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। दोनों पक्षों को बुलाकर आमने सामने बात भी कराई लेकिन फिर भी वह पक्ष रुपया लौटाने को तैयार नहीं है। कई मौके दिए लेकिन रुपया वापस खाते में नहीं आया। अब जल्द इस मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर देगी ताकि कोर्ट की तरफ से न्याय हो सके।


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