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क्या चौथी बार यूपी से होगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष:पिछड़ा वर्ग से केशव और ब्राह्मण चेहरा डॉ. दिनेश शर्मा दावेदार

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए यूपी से डिप्टी सीएम केशव मौर्य और राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में शामिल है। दिल्ली में भाजपा के 12वें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए मंथन चल रहा है। इसमें यूपी से इन दोनों कद्दावर नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर इन दोनों नेताओं में से किसी की ताजपोशी होती है, तो वह यूपी से भाजपा के चौथे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। बिहार चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। यूं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पिछड़े वर्ग से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल खट्‌टर जैसे बड़े नेताओं के नामों की चर्चा बीते कई दिनों से चल रही है। लेकिन, बिहार चुनाव के नतीजों के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी तेजी से सामने आया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आरएसएस, बजरंग दल, विहिप और भाजपा में करीब 40 साल का राजनीतिक अनुभव होने के कारण केशव इस पद के बड़े दावेदार बने हैं। आरएसएस के शीर्ष नेताओं के भी भरोसेमंद होने के नाते केशव मजबूत नाम हैं। उन पर संघ, भाजपा और मोदी सरकार एकमत हो सकते हैं। उधर, जानकार मानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस में सामान्य वर्ग से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार चल रहा है। इसमें राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा के नाम पर भी मंथन हो रहा है। डॉ. शर्मा यूपी में भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं। इसीलिए भाजपा डॉ. शर्मा के नाम पर विचार कर रही। पढ़िए ये खास खबर… केशव के पास बजरंग दल, आरएसएस के साथ भाजपा का अनुभव
केशव प्रसाद मौर्य ने बजरंग दल और आरएसएस से भाजपा में कदम रखा। वह विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक सिंघल के करीबी और भरोसेमंद रहे हैं। 2012 में पहली बार कौशांबी के सिराथू से विधायक चुने गए। 2014 में केशव फूलपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए। 2016 में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2017 में केशव के कार्यकाल में ही यूपी में भाजपा को रिकॉर्ड 312 सीटें मिलीं। उसके बाद केशव को डिप्टी सीएम बनाकर पीडब्ल्यूडी जैसा बड़ा मंत्रालय दिया गया। भाजपा ने रणनीति के तहत केशव को पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता बनाया। 2018 में भाजपा ने लखनऊ में पिछड़े वर्ग की सभी जातियों का बारी-बारी से सम्मेलन कराया। उन सम्मेलनों का नेतृत्व केशव ने ही किया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि केशव पिछड़े वर्ग के बड़े नेता हैं। अगर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है, तो उत्तर भारत में पिछड़ी जातियों में अच्छा संदेश जाएगा। साथ ही पिछड़े वोटबैंक में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी। इसका फायदा ना केवल यूपी के पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव, बल्कि अन्य प्रदेशों के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को मिलेगा। राजनाथ से मुलाकात के बाद फिर सुर्खियों में नाम
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले सप्ताह दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। इससे पहले भी जुलाई के दूसरे सप्ताह में केशव ने राजनाथ से मुलाकात की थी। उसके बाद वह गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से भी मिले थे। हाल ही में केशव की राजनाथ से मुलाकात के बाद एक बार फिर उनका नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में सामने आया है। केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और आरएसएस के लिए महत्वपूर्ण है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू से चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाया। लगातार बढ़ रहा केशव का कद
भाजपा पिछड़े समाज में पकड़ बनाने में जुटी है। इसीलिए केशव मौर्य का पार्टी की ओर से लगातार राजनीतिक कद बढ़ाया जा रहा। तीन दशक से लगातार पद पर हैं दिनेश शर्मा यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा बीते तीन दशक से लगातार राजनीति में सक्रिय हैं। तभी से वह सरकार और संगठन में किसी न किसी पद पर बने रहे। 1993 से 1998 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। राष्ट्रीय युवा आयोग के अध्यक्ष रहे। उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष समेत अन्य पदों पर रहे। 2007 से मार्च- 2017 तक लखनऊ के महापौर रहे। 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए। इसी साल भाजपा के सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय संयोजक बनाए गए। 2017 से 2022 तक यूपी के डिप्टी सीएम रहे। 2023 में फिर राज्यसभा सदस्य चुने गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा के चुनाव प्रभारी बनाए गए। —————————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी में भाजपा क्या महिला अध्यक्ष देकर चौंकाएगी?,14 दिसंबर तक ऐलान, वरना 15 जनवरी के बाद फैसला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अब इंतजार तेज हो गया है। बीजेपी के 14 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी कुछ दिनों में पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। पढ़ें पूरी खबर


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