अयोध्या में डीसीएम चालक हत्याकांड मामले में गवाही से गैरहाजिर रहने पर अदालत ने इंस्पेक्टर सुरेश पाण्डेय को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय रजत बर्मा ने बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित किया। न्यायाधीश ने अपने आदेश में बताया कि डीसीएम गायब करने और चालक की हत्या से संबंधित इस मामले में उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी, 2024 को सप्ताह में दो बार सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी। उच्च न्यायालय ने गवाहों की अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिले के एसएसपी को सौंपी थी। इसके बावजूद, गवाहों की गवाही नहीं हो पा रही थी। अहम गवाह इंस्पेक्टर सुरेश पाण्डेय के गवाही देने में आनाकानी करने पर न्यायाधीश ने वारंट जारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में उपस्थित करने का आदेश दिया है। इस संबंध में एसएसपी और कोतवाली नगर को पत्र जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को तय की गई है। यह घटना 13 अक्टूबर, 2021 की है। कोतवाली नगर के रामनगर कॉलोनी स्थित महादत अली खां की छावनी निवासी राम कुमार, अनुज शुक्ला की डीसीएम चलाता था। उस दिन वह डीसीएम से पेंट के डिब्बे लेकर गया था, लेकिन दो दिन तक उसका कहीं पता नहीं चला। 16 अक्टूबर को अनुज शुक्ला ने रामकुमार के लड़के से पूछताछ की। रामकुमार की पत्नी संवारी देवी ने आशंका के आधार पर पति को गायब करने का आरोप लगाते हुए वाहन मालिक अनुज शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। चार दिन बाद रामकुमार का शव बाराबंकी में मिला। मृतक का पोस्टर जारी होने पर मृतक के भाई और पुत्र ने शव की पहचान की थी। विवेचना के दौरान अभियुक्त सुरेंद्र को बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद डीसीएम चालक रामकुमार की हत्या करने वाले रमेश कुमार को तत्कालीन कोतवाल सुरेश पाण्डेय ने गिरफ्तार किया था। पेंट की रिकवरी भी की गई। दो अन्य आरोपियों को चांदपुर स्थित लिम्का फैक्ट्री के पास से गिरफ्तार किया गया था। विवेचना पूरी होने के बाद आरोपियों के विरुद्ध हत्या और सबूत छिपाने सहित गंभीर धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
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