कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह के बाद अब उसके नेटवर्क से जुड़े जेल कर्मियों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। लखनऊ जिला कारागार में तैनात वार्डन महेंद्र प्रताप सिंह को डीजी जेल पीसी मीणा ने निलंबित कर दिया है। महेंद्र पर गंभीर आरोप हैं कि वह जेल में बंद आलोक सिंह के संपर्क में था, साथ ही कांड के सरगना शुभम जायसवाल और गिरफ्तार अमित सिंह टाटा के साथ उसकी तस्वीर भी सामने आई थी। वायरल फोटो ने बढ़ाया संदेह कोडीन सिरप तस्करी मामले की जांच के दौरान महेंद्र प्रताप सिंह का नाम तब सामने आया, जब उसकी एक फोटो कांड के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के साथ वायरल हुई। तस्वीरों ने न सिर्फ जांच एजेंसियों की नजरें उस पर टिकाईं, बल्कि इसके बाद यह भी पता चला कि वह बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का करीबी है। आलोक फिलहाल लखनऊ जिला जेल में बंद है। डीजी जेल ने दिया निलंबन आदेश, शुरू हुई विभागीय जांच डीजी जेल पीसी मीणा के आदेश पर लखनऊ जिला कारागार में तैनात महेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जेल प्रशासन ने उसकी भूमिका और संभावित साठगांठ की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि महेंद्र, आलोक सिंह से नियमित संपर्क में था और उससे पैसों का लेनदेन भी हुआ है। तस्करी केस के आरोपी के साथ जेल कर्मी की नजदीकी पर सवाल शुभम जायसवाल जो फिलहाल दुबई में रहकर पूरे कोडीन नेटवर्क को संचालित कर रहा है के साथ महेंद्र की तस्वीर सामने आने के बाद यह आशंका गहराई कि जेल के भीतर भी रैकेट की पकड़ बनी हुई थी। जांच एजेंसियां अब यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं महेंद्र ने जेल में बंद आलोक सिंह को किसी तरह की सुविधा तो नहीं दी। लखनऊ जेल में ही बंद है आलोक सिंह, बढ़ी निगरानी एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह फिलहाल लखनऊ जिला कारागार में बंद है। उसके खिलाफ कोडीन सिरप तस्करी से लेकर फर्जी फर्मों के जरिए करोड़ों के अवैध कारोबार में शामिल रहने तक के आरोप हैं। महेंद्र के निलंबन के बाद अब जेल में आलोक पर निगरानी और बढ़ा दी गई है।
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