मुरादाबाद के के.जी.के. महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और मुंशी प्रेमचंद सांस्कृतिक क्लब ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया। यह संगोष्ठी उत्तर प्रदेश ग्रामीण विकास मंत्रालय के “नई चेतना – पहल एक बदलाव की” अभियान के तहत लिंग असमानता पर केंद्रित थी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय जौहरी ने कहा कि भारत जैसे प्रगतिशील देश में भी लिंग भेद एक गंभीर सामाजिक चुनौती है। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए जागरूकता और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। बिलसोनिया डिग्री कॉलेज की प्राचार्य और संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डॉ. लाजमीत कौर ने बताया कि परंपरागत धारणाएं, पितृसत्तात्मक सोच और शिक्षा व आर्थिक अवसरों में असमानता महिलाओं के विकास में प्रमुख बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि लिंग भेद को समाप्त करना पूरे समाज की जिम्मेदारी है। हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉ. मीरा कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि समाज की सोच में बदलाव लाना समय की मांग है। उन्होंने कार्यस्थलों पर शोषण और स्वास्थ्य क्षेत्र में भेदभाव जैसी समस्याओं का उल्लेख किया, जो लिंग असमानता की स्पष्ट तस्वीर पेश करती हैं। वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. अमरजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नारी का सम्मान ही एक सशक्त समाज का आधार है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर सैन्य अध्ययन विभाग के डॉ. सतवीर सिंह, हिंदी विभाग की डॉ. मंजू चौहान, अंग्रेजी विभाग की डॉ. ज्योति गुप्ता सहित कई शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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