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किसान यूनियन शंकर ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया:8 दिसंबर को घेराव की चेतावनी, कई मांगें रखीं

भारतीय किसान यूनियन शंकर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह के नेतृत्व में बुधवार को किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 8 दिसंबर को कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने मांग उठाई कि प्रदेश भर की गन्ना विकास सहकारी समितियों को नाबार्ड में पंजीकृत किया जाए। वर्तमान में इन समितियों को नाबार्ड में पंजीकृत न होने के कारण किसानों को खाद और दवाइयों के वितरण पर सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता है। इसके अतिरिक्त, जिला सहकारी बैंक बोर्ड का यथाशीघ्र गठन करने की भी मांग की गई। किसानों ने बताया कि भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है, लेकिन बैंकों ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। उन्होंने तत्काल केसीसी की सीमा 5 लाख रुपये करने की मांग की। साथ ही, उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक द्वारा 3 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्डों पर अतिरिक्त ब्याज लगाकर की जा रही अवैध वसूली को तुरंत बंद करने की भी मांग की गई। अन्य मांगों में गंगा धाम तिगरी में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण और तिगरी से ब्रजघाट तक गंगा रिवर फ्रंट बनाकर इसे पर्यटक स्थल घोषित करना शामिल था। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों और संपर्क मार्गों की तत्काल मरम्मत कराने की भी मांग की गई। किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को ऐच्छिक बनाने की मांग दोहराई। उनका कहना था कि भारत सरकार की घोषणा के बावजूद, जब तक किसान बैंक में लिखित में नहीं देते, उनके केसीसी से प्रीमियम काट लिया जाता है, जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग NH9 पर दुर्घटना संभावित अंडरपास पर रिफ्लेक्टिव मिरर लगाने और ओवरलोड वाहनों के कारण क्षतिग्रस्त हो रही सड़कों व बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की भी मांग की गई।


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