जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रूपाली सक्सेना की अदालत ने एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक को 20 वर्ष के कारावास और 12 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह घटना लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुई थी, जब पीड़िता कक्षा छह में पढ़ रही थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, लाइन बाजार थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि 9 मार्च 2023 को रात 8 बजे उसकी 15 वर्षीय साली शौच के लिए घर से कुछ दूर गई थी। इसी दौरान गांव के ही शिव शंकर यादव उर्फ सटरू ने उसे पकड़ लिया और गेहूं के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। पीड़िता ने घर आकर परिजनों को पूरी घटना बताई। जब परिजन आरोपी युवक के घर शिकायत लेकर गए, तो उसने तलवार निकालकर जान से मारने की धमकी दी। शुरुआत में थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई और पुलिस अधीक्षक के पास जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वादी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी और रमेश चंद्र पाल द्वारा परीक्षित गवाहों के बयानों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी पाया। अदालत ने शिव शंकर यादव उर्फ सटरू को दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कारावास और 12,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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