उत्तर और दक्षिण के संबंधों को मजबूत करने के लिए काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण की शुरुआत 2 दिसंबर यानी कल से हो रही है यह आयोजन 15 दिसंबर तक चलेगा। काशी में होने वाले इस आयोजन में 1400 प्रतिनिधि शामिल होंगे। कर्पोम तमिल यानी आइए तमिल सीखें की थीम पर आधारित काशी तमिल संगमम उत्सव के केंद्र में तमिल भाषा को रखा गया है। कल शाम 5 बजे वाराणसी के नमो घाट पर इस आयोजन का भव्य शुभारंभ होगा। जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर. एन. रवि तथा पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल श्री के. कैलासनाथन सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह में काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक कलाकार एक साथ मंच पर प्रस्तुति देकर विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रदर्शित करेंगे। कन्याकुमारी से रवाना हुआ छात्रों का दल काशी तमिल संगमम् में भाग लेने के लिए छात्रों का पहला दल शनिवार की सुबह कन्याकुमारी से काशी के लिए विशेष ट्रेन से रवाना हुआ है। ट्रेन संख्या 06001 में कन्याकुमारी से 43 छात्र, तिरुचिरापल्ली से 86 और चेन्नई से 87 छात्र ट्रेन पर सवार हुए। यह ट्रेन एक दिसंबर की रात 11:15 बजे बनारस पहुंचेगी। जिला प्रशासन और बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया जायेगा। अब जानिए क्या होगा खास काशी तमिल संगमम-4 में शामिल होने डेलिगेट्स सबसे पहले हनुमान घाट पहुंचेंगे जहां वह गंगा में स्नान करने दक्षिण भारतीय मंदिरों में दर्शन पूजन और वहां के इतिहास के बारे में जानेंगे। इसके बाद सभी डेलीगेट सीधे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे वहां बाबा विश्वनाथ का दर्शन और मां अन्नपूर्णा रसोई में भोजन ग्रहण करेंगे। इसके बाद डेलीगेट सीधे बीएचयू पहुंचेंगे जहां एकेडमिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे और फिर वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करेंगे। मन की बात में पीएम मोदी की अपील : काशी-तमिल संगमम 4.0 में हों शामिल पीएम मोदी ने कहा कि काशी-तमिल संगमम उन सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है जिन्हें तमिल भाषा और संस्कृति से प्रेम है। उन्होंने बताया कि काशी के लोगों से बात करने पर अक्सर यह सुनने को मिलता है कि उन्हें इस आयोजन में शामिल होकर नए अनुभव मिलते हैं और तमिलनाडु से आने वाले लोगों से जुड़ने का अवसर मिलता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे इस बार भी काशी-तमिल संगमम में अवश्य शामिल हों और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और मजबूत करें। उन्होंने कहा कि काशीवासी पूरे जोश के साथ तमिलनाडु से आने वाले अपने भाई–बहनों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने लोगों से ऐसे और मंचों के बारे में भी सोचने का आग्रह किया जो देश की एकता और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाएं।
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