काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत तमिलनाडु से आए शिक्षकों के दल का शनिवार देर शाम अयोध्या पहुंचे। सभी का भव्य स्वागत किया गया। श्री अयोध्या धाम पहुंचते ही पूरा परिसर “जय श्री राम” के जयघोष से गूंज उठा। ढोल-नगाड़ों की धुन और पारंपरिक विधि-विधान के साथ अतिथियों का अभिनंदन किया गया। स्वागत करने वालों में उपजिलाधिकारी पूर्णिमा और एसडीएम अरविंद कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहे। स्वागत के बाद सांस्कृतिक प्रेक्षागृह में विशेष प्रस्तुति का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा केवट प्रसंग, जिसने रामायण की भावपूर्ण कथा को जीवंत कर दिया। मंचन के दौरान सभागार पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गया। वहीं तमिलनाडु की पारंपरिक कला शिव–पार्वती अट्टम ने दक्षिण भारतीय संस्कृति की झलक से वातावरण को रंग दिया। दर्शकों ने बार-बार तालियाँ बजाकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह अनुभव उनके जीवन की अविस्मरणीय याद बन गया है। उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति को करीब से देखने और समझने का अनोखा अवसर मिला। एसडीएम अरविंद कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “काशी तमिल संगमम् जैसे आयोजन उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक सेतु को और मजबूत करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को यह कार्यक्रम साकार रूप दे रहा है। तमिलनाडु से आए शिक्षक उदय कुमार ने कहा कि अयोध्या में मिला सम्मान और अपनत्व उनके हृदय को छू गया। ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत और सांस्कृतिक भागीदारी ने उन्हें अभूतपूर्व खुशी दी। वहीं मद्रास से आई शिक्षिका जनकी ने कहा कि अयोध्या की संस्कृति, परंपरा और लोगों का स्नेह अविस्मरणीय है। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर आना मेरे जीवन का सौभाग्य है। अयोध्या में हुआ यह दिव्य स्वागत सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण बना। यह संगम केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि भावनाओं, ज्ञान और विरासतों का सेतु है, जो देश की एकता को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहा है।
https://ift.tt/TSnbq1i
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply