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कानपुर की यूनाइटेड मर्केंटाइल बैंक में फर्जीवाड़ा:3 हजार बैंक अकाउंट में नहीं मिला पैन नंबर, फॉर्म-16 लगाकर किया करोड़ों का लेन-देन

कानपुर और लखनऊ आयकर की इंटेलीजेंस टीम ने सोमवार को पी-रोड स्थित यूनाइटेड मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक का सर्वे किया। इस दौरान बैंक में भारी अनियमितता सामने आई है। करीब तीन हजार से ज्यादा ऐसे बैंक अकाउंट मिले हैं, जिसे बगैर पैन कार्ड के संचालित किया जा रहा है। इन अकाउंट से करोड़ों का लेनदेन भी हुआ है। इन अकाउंट से संबंधित सभी दस्तावेज टीम ने अपने कब्जे में जांच के लिए लिया है। जांच पूरी होने के बाद बड़ा खुलासा और कार्रवाई हो सकती है। टीम ने छह घंटे तक बैंक के अंदर की जांच, दस्तावेज ले गई आयकर निदेशक आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण की लखनऊ और कानपुर की ज्वाइंट टीम ने सोमवार दोपहर को पी-रोड स्थित यूनाइटेड मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक शाखा सर्वे करने पहुंची।दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक करीब छह घंटे बैंक बंद करके जांच की गई। इस दौरान सर्वे में व्यापक स्तर पर हेराफेरी का खुलासा हुआ है। बीते पांच साल के बीच खोले गए करीब 3 हजार बैंक अकाउंट बगैर पैन कार्ड के संचालित किए जा रहे हैं। इन खातों में करोड़ाें का लेनदेन हुआ है। बड़ी फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए फार्म-60 लगाकर टैक्स फ्री बताया गया, जबकि इन खातों में बड़ी रकम की जमा-निकासी हुई। फार्म-60 का उपयोग खेती-बाड़ी से जुड़े मामलों में किया जाता है। तीन-चार साल के आंकड़ों की छानबीन में सामने आया कि बचत व चालू खाते में जमा निकासी की जानकारियां भी स्पष्ट रूप से नहीं दी गई। पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान बचत खाते में 10 व चालू खाते में 50 लाख का लेनदेन करने वाले करदाता की जानकारी नहीं दी गई। आयकर विभाग की ओर से इस संबंध में कई नोटिस भी दिया गया। आयकर निदेशक आरके गुप्ता के मार्गदर्शन में सहायक निदेशक विमलेश राय, अविनाश सोनवानी की अगुवाई में सर्वे किया गया। आयकर निरीक्षक कय्यूम अहमद, देव अनंत श्रीवास्तव, धीरज यादव एवं राजेन्द्र कुमार व अंकित श्रीवास्तव के भारी पुलिस बल था। वहीं यूनाइटेड मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक रवींद्र नाथ गुप्ता का कहना है कि उनकी शाखा में कोई भी सर्वे नहीं किया गया। सोमवार को सामान्य दिनों की तरह कामकाज हुआ। 3 हजार खातों में पैन नहीं या इनवैलिड पैन छानबीन करने गई टीम के अनुसार 3 हजार से अधिक खाते ऐसे भी मिले हैं, जो बगैर पैन संचालित हो रहे थे या जिनके खातों में लगे पैन इनवैलिड हैं। जिनका कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिल रहा है। इस वजह से किसी भी लेनदेन या फिर संपत्ति की खरीद-फरोख्त की जानकारी नहीं मिल पाती है। जिन खातों में बगैर पैन कार्ड के संचालित किया जा रहा था और उसमें करोड़ों का लेनदेन हो रहा था। इस तरह के एक-एक अकाउंट की जांच की जा रही है।


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