सुल्तानपुर में कांग्रेस नेताओं ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एस.आई.आर.) प्रक्रिया को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम प्रशासन को सौंपा, जिसमें इस प्रक्रिया को सरल और निष्पक्ष बनाने की मांग की गई है। कांग्रेस नेताओं ने एस.आई.आर. प्रक्रिया की जटिलता और पक्षपातपूर्ण प्रकृति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ज्ञापन में कहा गया है कि देश भर में राज्य चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही यह प्रक्रिया अनावश्यक रूप से जटिल और पक्षपातपूर्ण है। ज्ञापन के अनुसार, आम जनता में यह धारणा बन रही है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से “वोट चोरी” और “सरकार चोरी” की जा रही है, जिससे लोकतंत्र पर से विश्वास उठ रहा है। कांग्रेस नेताओं ने विशेष रूप से दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों के वोट के अधिकार से वंचित होने की आशंका जताई है। ज्ञापन में उन राज्यों से आ रही बूथ लेवल ऑफिसर (बी.एल.ओ.) कर्मचारियों की आत्महत्या की दुखद खबरों का भी उल्लेख किया गया है, जहां एस.आई.आर. लागू है। नेताओं ने कहा कि ये घटनाएं पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं और बी.एल.ओ. की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती हैं। कांग्रेस नेता रंजीत सिंह सलूजा ने कहा कि जनता में दहशत है कि नाम नहीं रहेगा तो नागरिकता चली जाएगी। उन्होंने आम आदमी के कारोबार छोड़कर परेशान होने का जिक्र करते हुए एस.आई.आर. प्रक्रिया के लिए निर्धारित समय सीमा बढ़ाने की मांग की। ओबीसी कांग्रेस के मोहसिन सलीम ने बताया कि उन्हें हर जिले में एस.आई.आर. की जटिल प्रक्रिया के संबंध में निर्देश मिले हैं। उन्होंने कम समय और बीएलओ पर दबाव का उल्लेख करते हुए चिंता व्यक्त की कि पिछड़े वर्ग के लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार प्रभावित न हो। उन्होंने यह भी कहा कि पहले एस.आई.आर. प्रक्रिया सरल थी और उनका ओबीसी विभाग इस मुद्दे पर सजग है।
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