कन्नौज में नगर पालिका द्वारा रोडवेज बस स्टैंड के बाहर स्थापित लोहे की विवादित दुकानों को लेकर बीती रात जमकर बवाल हुआ। नगर पालिका ने जिस दुकानदार को खोखा आवंटित किया था, उसी ने दुकान को दूसरे व्यक्ति को किराए पर दे दिया। मामला सुर्खियों में आने पर नगर पालिका ने आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिसके बाद दुकान खाली कराने को लेकर रात में जोरदार हंगामा खड़ा हो गया। रात में पुलिस बुलाकर खाली कराई दुकान सदर कोतवाली क्षेत्र के सरायमीरा चौकी के पास रोडवेज बस स्टैंड के बाहर नगर पालिका ने लोहे का खोखा मोहम्मद वाजिद को आवंटित किया था। कुछ समय बाद उसने वही दुकान मोहन कश्यप को किराए पर दे दी। स्थानीय लोगों ने यह बात अधिशासी अधिकारी श्यामेन्द्र मोहन चौधरी के संज्ञान में पहुंचाई। ईओ ने वाजिद को नोटिस जारी कर तीन दिनों में स्पष्टीकरण मांगा और संतोषजनक जवाब न मिलने पर आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी। नोटिस के बाद वाजिद अचानक दुकान खाली कराने पहुंच गया, जहां मोहन कश्यप से कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप कर विवाद शांत कराया। लेकिन बीती रात वाजिद पुलिसकर्मियों को लेकर दुकान पर पहुंचा और मोहन कश्यप व उसकी पत्नी से धक्कामुक्की करते हुए सामान बाहर फेंक दिया। इससे देर रात तक हंगामा चलता रहा। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना था कि वे कोतवाली प्रभारी के आदेश पर दुकान खाली कराने पहुंचे हैं। PWD की जमीन पर नगर पालिका की दुकानें स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जीटी रोड किनारे सरायमीरा में जहां ये लोहे की दुकानें रखवाई गई हैं, वह जमीन दरअसल पीडब्ल्यूडी (PWD) की है। नगर पालिका ने यहां खोखे रखवाकर नीलामी की और कई लोगों को आवंटन भी कर दिया। बाद में इन दुकानों को किराए पर उठाया जाने लगा। इनकी वजह से शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्र में भारी अतिक्रमण हो गया है, जिससे रोजाना जाम की स्थिति बनती है। विडंबना यह है कि खुद पालिका की ही रखवाई दुकानों के कारण अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू नहीं हो पा रहा है।
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