औरैया में अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति द्वारा तैयार किए गए मशरूम के बैग जिलाधिकारी को भेंट किए गए। जिलाधिकारी ने महिला समूहों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें आगे बढ़ाने तथा उनके उद्यमों को समर्थन देने का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को आय से जोड़ने के लिए मनरेगा के तहत टीन शेड यूनिट का सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्कूल के मिड-डे मील में उनके द्वारा उगाई जा रही सब्जियां जैसे मशरूम, केला और पपीता शामिल करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क स्थापित कराया जाएगा। जिलाधिकारी के पहले ग्राहक बनने से शिवकरपुर की चमेली और गोहना की अर्चना जैसी महिला उत्पादकों का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ा है। समिति की सचिव रीना पांडेय ने बताया कि मशरूम उत्पादन समिति की एक नई और महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि पहले विभिन्न आजीविका कार्यक्रम चलाए गए थे, लेकिन पर्याप्त बाजार न मिलने के कारण महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाई थीं। पांडेय ने आगे बताया कि मशरूम की मांग हर जगह है और इसके खरीदार भी सुनिश्चित कर लिए गए हैं। अक्टूबर से अप्रैल तक लगातार चार साइकिल में उत्पादन संभव है, जिससे महिलाओं को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। सचिव ने यह भी जानकारी दी कि अगले चरण में मशरूम का वैल्यू एडिशन जैसे पाउडर और अचार भी तैयार कराया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि महिलाएं गर्मी के महीनों में भी उत्पादों को बेचकर साल भर आय अर्जित कर सकें। वर्तमान में लुहियापुर, सुंदरीपुर, जौरा, सलेमपुर, नसीराबाद मालेहपुर, फरीदपुर, पातेपुर, गोहाना, क्योटरा, भदौरा, मढ़ापुर, जैतपुर, कोठी दासपुर, असता और नौरी सहित विभिन्न गांवों की लगभग 150 महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई हैं।
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