औरैया: बेला थाना क्षेत्र में छह साल पुराने एक मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम अखिलेश्वर प्रसाद मिश्र ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो मृदुल मिश्र ने बताया कि वादी मुईनुद्दीन ने बेला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, वादी राजस्थान में निजी नौकरी करता है और उसके बच्चे गांव में रहते हैं। उसकी 15 वर्षीय पुत्री, जो कक्षा 12 की छात्रा थी, 9 अक्टूबर 2019 की सुबह पांच बजे शौच के लिए घर से बाहर तालाब की तरफ गई थी। परिजन ने की थी शिकायत काफी देर तक वापस न आने पर पता चला कि उसकी पुत्री को विमल कुमार दोहरे पुत्र सुरेश, नितिन कुमार पुत्र रमेश, रत्नेश कुमार पुत्र उदयभान और राहुल पुत्र रामपाल बहला-फुसलाकर जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बैठाकर दिबियापुर की तरफ ले गए हैं। वादी और उसके परिजनों ने संभावित स्थानों पर आरोपियों और पुत्री की तलाश की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद आरोपी विमल कुमार के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। यह मुकदमा विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम की अदालत में चला। बुधवार को इस मामले में निर्णय सुनाया गया। अभियोजन पक्ष ने किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म के दोषी को कठोर दंड देने का पक्ष रखा था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि अधिरोपित अर्थदंड की जमा धनराशि में से आधी पीड़िता को अदा की जाए। दोषी अभियुक्त को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।
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